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दिल्ली दंगा: कांग्रेस ने राष्ट्रपति को दिलाई राजधर्म की याद, अमित शाह को हटाने की मांग

नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर दिल्ली में हुए दंगों में कई लोगों की जान जा चुकी है। तीन दिन तक लगातार दंगों में जलने के बाद दिल्ली में फिलहाल हालात क़ाबू में हैं। विपक्षी राजनीतिक दल कांग्रेस ने बुधवार को इस मुद्दे पर पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा की अगुवाई में शांति मार्च निकाला था। गुरुवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली दंगों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात की और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पद से हटाने की मांग की। 

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कांग्रेस ने राष्ट्रपति को मांग पत्र भी सौंपा है। इसमें पार्टी ने केंद्र और दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर दिल्ली में दंगों के दौरान मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की है कि वह राजधर्म की रक्षा के लिये अपनी शक्तियों का प्रयोग करें। कांग्रेस ने दंगों को लेकर अमित शाह के इस्तीफ़े की मांग भी की है। 

कांग्रेस ने राष्ट्रपति को सौंपे अपने मांग पत्र में कहा, ‘राष्ट्रपति जी, आपको भारतीय संविधान के तहत इस सरकार के काम की निगरानी करने के लिये, उसे उसके संवैधानिक दायित्वों और राज धर्म के स्तंभों की याद दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है।’ मांग पत्र सौंपने के बाद सोनिया गांधी ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘हमने राष्ट्रपति से मांग की है कि लोगों की जिंदगी, आज़ादी और उनकी संपत्तियों की रक्षा की जानी चाहिए। हमने यह मांग भी दुहराई है कि हिंसा को रोकने में नाकाम रहने के लिये गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफ़ा लिया जाये।’ 

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इससे पहले राजधर्म शब्द की चर्चा तब हुई थी जब 2002 में गुजरात में हुए दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस समय मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पालन करने की सलाह दी थी। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में प्रियंका गांधी वाड्रा, गुलाम नबी आज़ाद, अहमद पटेल, ए.के.एंटनी, के. वेणुगोपाल, हरीश रावत, अहमद पटेल सहित कई नेता शामिल रहे। 

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क़मर वहीद नक़वी
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