जेएनयू में रविवार रात को हुई बर्बरता के ख़िलाफ़ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। मुंबई से लेकर हैदराबाद और बेंगलुरू तक इस बर्बरता के ख़िलाफ़ छात्रों ने आवाज़ उठाई है। नक़ाब पहने गुंडों ने रविवार रात को जेएनयू कैंपस में जमकर उत्पात मचाया था। इस हिंसा में 30 लोगों के घायल होने की ख़बर है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुलिस के संरक्षण में यह गुंडागर्दी की गई और देश भर के विश्वविद्यालयों में जो रहा है, उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं।
जेएनयू में बर्बरता: जानें, कब क्या-क्या हुआ?
- दिल्ली
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- 6 Jan, 2020
जेएनयू में रविवार रात को हुई बर्बरता के ख़िलाफ़ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। मुंबई से लेकर हैदराबाद और बेंगलुरू तक इस बर्बरता के ख़िलाफ़ छात्रों ने आवाज़ उठाई है।

अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, नक़ाबपोशों ने जेएनयू में पहुंची एबुंलेंस के टायर पंचर कर दिये और इन्हें कैंपस के अंदर नहीं जाने दिया। अख़बार के मुताबिक़, कई नक़ाबपोशों ने ‘पुलिस ज़िंदाबाद’ के नारे भी लगाये और पत्रकारों को फ़ोटो न खींचने के लिए भी धमकाया। इस दौरान वहां 250 पुलिसकर्मी खड़े थे और उन्होंने इन नक़ाबपोशों को रोकने की कोशिश तक नहीं की। अख़बार के मुताबिक़, नक़ाबपोश ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को’, ‘नक्सलवाद मुर्दाबाद’ और ‘न माओवाद, ना नक्सलवाद, सबसे ऊपर राष्ट्रवाद’ के नारे लगा रहे थे।