महिला पहलवान विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटा दिया है। शनिवार शाम वह इन्हें लौटाने पीएमओ की तरफ जा रही थी लेकिन रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया।इसके बाद विनेश ने इन दोनों अवार्ड को कर्तव्य पथ पर ही जमीन पर रख दिया। वह अवॉर्ड को हाथ जोड़कर लौट गईं।
विनेश ने इससे पहले पीएम मोदी के नाम 2 पेज की चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने महिला पहलवानों को इंसाफ न मिलने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इससे आहत होकर वह खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड को लौटाएगी।
शनिवार को अवॉर्ड लौटाने पर विनेश ने कहा मैं इंसाफ के लिए यहां पहुंची हूं। जब तक इंसाफ नहीं मिलता, ये लड़ाई जारी रहेगी।
वहीं पहलवान बजरंग पूनिया ने विनेश के अवॉर्ड वापसी का वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि यह दिन किसी खिलाड़ी के जीवन में न आए। देश की महिला पहलवान सबसे बुरे दौर से गुजर रही हैं।
इससे पहले उन्होंने एक्स पर लिखा था कि पिछले कई महीना से कुश्ती का कामकाज ठप है. न कोई नेशनल हुआ है और न ही खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए कैम्प लगे हैं।
7 महीने बाद ओलंपिक खेल भी हैं लेकिन कोई भी ओलंपिक के लिए गंभीर नहीं दिख रहा जबकि पिछले चार ओलंपिक्स में कुश्ती ने लगातार चार मेडल दिए हैं।
उन्होंने लिखा है कि खेल मंत्रालय से निवेदन है कि आप जल्दी से जल्दी कुश्ती की सारी गतिविधियां शुरू करवाइए ताकि खिलाड़ियों का भविष्य बचाया जा सके।
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बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटाया था
विनेश फोगाट से पहले बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया था। बजरंग इस अवार्ड को प्रधानमंत्री के घर के बाहर फुटपाथ पर रखकर आ गए थे।वहीं पहलवान साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नई कार्यकारिणी में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के चुने जाने के बाद उसी दिन जूते टेबल पर रख कुश्ती से संन्यास ले लिया था।
ये तीनों पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ में बृजभूषण और उसके करीबियों के दबदबे का विरोध कर रहे हैं। इनका विरोध महासंघ की नई कार्यकारिणी में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के चुने जाने के बाद से फिर शुरू हुआ है।
हालांकि सरकार ने महासंघ की इस नव निर्वाचित कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया है। इसके बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के संचालन के लिए एक एडहॉक कमेटी का गठन इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने किया था। इसमें भूपेंद्र बाजवा को चेयरमैन बनाया गया है।
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पीएम मोदी को विनेश ने लिखा था खुला पत्र
विनेश फोगाट ने पीएम मोदी को खुला पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस करने का ऐलान किया था।सोशल मीडिया साइट एक्स पर उन्होंने लिखा था कि मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूं। इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद।
अपने पत्र में उन्होंने लिखा था कि माननीय प्रधानमंत्री जी, साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है।
देश के लिए ओलंपिक पदक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किस लिये मजबूर होना पड़ा, यह सब सारे देश को पता है और आप तो देश के मुखिया हैं तो आप तक भी यह मामला पहुंचा होगा।
प्रधानमंत्री जी, मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं यह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हूं।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि, मुझे साल याद है 2016 जब साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक जीतकर आई थी तो आपकी सरकार ने उन्हें "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" की ब्रांड एम्बेसडर बनाया था।
जब इसकी घोषणा हुई तो देश की हम सारी महिला खिलाड़ी खुश थीं और एक दूसरे को बधाई के संदेश भेज रही थीं। आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी तबसे मुझे वह साल 2016 बार बार याद आ रहा है।
क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी हैं। हमें उन विज्ञापनों पर छपने में कोई एतराज़ नहीं है, क्योंकि उसमें लिखे नारे से ऐसा लगता है कि आपकी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए गंभीर होकर काम करना चाहती है
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