राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति उस तारीख से होगी जिस दिन वह अपना पदभार ग्रहण करेंगे। सक्सेना हाल तक खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष थे। विनय कुमार सक्सेना को इस पद पर नियुक्ति की यह ख़बर तब आई है जब अनिल बैजल ने 'व्यक्तिगत कारणों' का हवाला देते हुए पद से कुछ दिनों पहले इस्तीफा दे दिया था।
23 मार्च 1958 को जन्मे विनय कुमार सक्सेना कानपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। कुछ समय पहले तक, वह खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष थे।
सक्सेना ने जेके ग्रुप के साथ राजस्थान में एक सहायक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया था। व्हाइट सीमेंट प्लांट के साथ विभिन्न क्षमताओं में 11 साल काम करने के बाद उन्हें 1995 में गुजरात में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखभाल के लिए महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नत किया गया था। इसके बाद वह जल्द ही सीईओ बने और बाद में धोलर पोर्ट प्रोजेक्ट के निदेशक के रूप में पदोन्नत हुए।
अक्टूबर 2015 में केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त हुए। उन्होंने कई नयी योजनाओं और उत्पादों की शुरुआत की।
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 18 मई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा भेज दिया था। उन्होंने इस्तीफ़े की वजह व्यक्तिगत कारण बताया। अनिल बैजल ने दिसंबर 2016 में दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल के रूप में पदभार ग्रहण किया था। बैजल को उनके पूर्ववर्ती नजीब जंग के भी तब अचानक इस्तीफा देने के बाद इस पद पर नियुक्त किया गया था।
अनिल बैजल ने 31 दिसंबर 2021 को कार्यालय में पांच साल पूरे किए। वैसे, दिल्ली के उपराज्यपाल के पद के लिए कोई निश्चित कार्यकाल तय नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच अक्सर विवादा होता रहा है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र में वर्षों से शासन करने वाली बीजेपी के बीच सत्ता संघर्ष होता रहा है। इस मामले में दोनों के बीच विवाद तब कुछ कम हुआ जब सर्वोच्च न्यायालय का एक ऐतिहासिक फ़ैसला आया। इस फ़ैसले में उनकी शक्तियों को और अधिक स्पष्ट रूप से बताया गया था।
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