कोचिंग सेंटर में पानी भरने से हुई तीन छात्रों की मौत के मामले पर राजनीति हो रही है। भाजपा जहां आप को घेरने की फिराक है, वहां आप वाले भाजपा के पुराने काम का हिसाब नहीं मांग पा रही है। न ही वो एमसीडी के अफसरों पर प्रभावी कार्रवाई कर रही है। ओल्ड राजेंद्र नगर में अधिकांश कोचिंग सेंटर अवैध निर्माण कर बनाई गईं बिल्डिंगों में चल रहे हैं। ये बिल्डिंगे नई नहीं हैं और न ही पांच साल पुरानी हैं। अधिकांश भाजपा के समय की एमसीडी की है। लेकिन एमसीडी से कोई पूछताछ नहीं की जा रही है। सारा मामला अब लीपापोता जा रहा है।
एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार ने सोमवार को घोषणा की कि ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना को लेकर एक जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया गया है और एक सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है।
ये कार्रवाई करोल बाग जोन के रखरखाव विभाग के अधिकारियों के खिलाफ की गई। लेकिन अभी तक इस पूरे मामले में एमसीडी के बड़े अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई है। ओल्ड राजेंद्र नगर में अवैध निर्माण किस सन् में किए गए, उस समय के अधिकारी कौन थे, इस पर एमसीडी चुप है।
एमसीडी अफसरों से पूछताछ कब
दिल्ली पुलिस नालों से गाद निकालने और राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल को जारी किए गए निकासी प्रमाणपत्र के संबंध में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है। कोचिंग सेंटर जहां पुस्तकालय के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले बेसमेंट में पानी भरने के कारण तीन छात्रों की दुखद मौत हो गई थी। सूत्रों ने संकेत दिया कि पुलिस एमसीडी से औपचारिक रूप से जानकारी मांगने की योजना बना रही है और यदि आवश्यक हुआ तो संबंधित अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।
एमसीडी बरसाती पानी की नालियों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। आरोप लगाया गया है कि ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के पास जल निकासी व्यवस्था ठीक से काम नहीं कर रही है। कथित तौर पर इस खराबी के कारण सड़क पर भारी बारिश का पानी जमा हो गया, जिससे बाद में बेसमेंट में पानी भर गया। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि वे एमसीडी से नाली सफाई अभियानों और क्षेत्र में किए गए निरीक्षणों की जानकारी का विवरण मांगेंगे।
भाजपा और आप का एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन
दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने घटना को लेकर पार्टी कार्यालय के पास दिल्ली की आप सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि घटना के लिए आप सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि एमसीडी उसी के पास है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने राजधानी में नालों से गाद निकालने का काम कथित तौर पर पूरा नहीं करने वाले एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को एलजी सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। आप सरकार का दावा है कि उपराज्यपाल उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं जो उसके मंत्रियों की बात नहीं सुनते हैं।
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ''यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है... कई कोचिंग सेंटर अवैध रूप से अपने बेसमेंट में लाइब्रेरी, कक्षाएं चला रहे हैं। जो अधिकारी इसमें शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी... अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करना दिल्ली के एलजी की जिम्मेदारी है। मैं भाजपा से पूछना चाहता हूं कि वे दिल्ली के लोगों को दंडित क्यों कर रहे हैं? उन्होंने अधिकारियों के तबादले का अधिकार छीन लिया और अब जब कार्रवाई करने की बात आई तो वे (भाजपा) दिल्ली के एलजी के साथ साजिश कर रहे हैं...हम उन्हें बेनकाब करेंगे...।''
पुलिस ने अब तक क्या किया
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कोचिंग सेंटर के मालिक सहित पांच और लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने उस वाहन मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया, जो पानी से भरी सड़क से गुजर रहा था, जिससे पुलिस के अनुसार, स्टडी सेंटर के गेट को नुकसान पहुंचा था। इस मामले में गिरफ्तारियों की कुल संख्या अब 7 हो गई है। संस्थान के सीईओ और कोचिंग समन्वयक को रविवार को गैर इरादतन हत्या और अन्य आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया।
पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम हर्ष वर्धन के अनुसार इमारत की प्रत्येक मंजिल का स्वामित्व अलग व्यक्ति या व्यक्तियों के पास है।
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