नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली में आज एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया गया है। हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फ़्रंट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफ़टीए) ने किया है। हड़ताल के कारण दिल्ली-एनसीआर में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से दिल्ली के कई स्कूलों ने आज छुट्टी कर दी है। हड़ताल के कारण बड़ी संख्या में ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ओला, उबर कैब और प्राइवेट बसें नहीं चल रही हैं।
देश के कई राज्यों में नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध हो रहा है और कई राज्यों में सरकारों ने इसे लागू करने से मना कर दिया है। यूएफ़टीए में ट्रक, बस, कैब, ऑटो, टेंपो और टैक्सियों के दिल्ली/एनसीआर में बने संगठन और 41 संघ शामिल हैं। ट्रांसपोर्ट संगठनों ने कहा है कि केंद्र और दिल्ली सरकार की वजह से उन्हें हड़ताल पर जाने को मजबूर होना पड़ा है। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय आर्थिक मंदी, बढ़े हुए टैक्सों और जुर्माने के कारण संकट के दौर से गुजर रहा है।
यूएफ़टीए के महासचिव श्यामलाल गोला ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि वे लोग पिछले 15 दिनों से केंद्र व दिल्ली सरकार से कई बार उनकी परेशानियों पर ध्यान देने के लिए कह चुके हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ और इसी कारण से उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा।
गोला ने पीटीआई से कहा कि नए मोटर व्हीकल एक्ट के द्वारा बहुत ज़्यादा और अव्यावहारिक जुर्माना लगाया गया है और इस कारण से भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वजह से वाहन चालकों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
देश भर में नये मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के तहत एक सितंबर से नये नियम लागू कर दिये गये हैं। इसमें कुछ मामलों में चार गुना से अधिक जुर्माना लगाया गया है।
बीजेपी शासित कई राज्यों ने नये मोटर व्हीकल एक्ट को इसी रूप में अपनाने से इनकार कर दिया है। इन राज्यों में गुजरात, उत्तराखंड शामिल हैं। साथ ही विपक्षी दलों की सरकारें भी इसके लिए तैयार नहीं हैं।
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