दिल्ली में बेतहाशा बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच सर गंगा राम अस्पताल में कम से कम 37 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें से 32 को हल्के लक्षण हैं और उन्हें घर पर आइसोलेशन में रखा गया है जबकि 5 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर ने कोरोना वैक्सीन लगवाई थी।
सर गंगा राम अस्पताल उन सुविधाओं वाला अस्पताल है जो लगभग एक साल से कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में आगे है। हाल में दिल्ली में सक्रमण के मामले बढ़ने के बाद से अस्पताल में भी मरीज़ों की संख्या बढ़ी है। दिल्ली देश के उन राज्यों में है जहाँ कोरोना संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैला है।
राज्य में बीते 24 घंटों में संक्रमण के मामलों में जबरदस्त उछाल आया और यह आंकड़ा 7,437 तक जा पहुँचा है। इस दौरान 24 लोगों की मौत भी हुई है। बीते दिन संक्रमण के 5506 मामले आए थे और एक ही दिन में 1800 से ज़्यादा मामले बढ़ गए।
दिल्ली सरकार के मुताबिक़, राजधानी में अभी 23,181 एक्टिव मामले हैं। बीते 24 घंटों में दिल्ली में 91,770 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के नए वैरिएंट और लोगों की लापरवाही के कारण संक्रमण के मामले तेज़ रफ़्तार से बढ़ रहे हैं।
अब सर गंगा राम अस्पताल में जो डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं उनमें से अधिकतर युवा हैं और उन्होंने कोरोना टीका लगवाया था। 'पीटीआई' ने अस्पताल के सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि 'सर गंगा राम अस्पताल में कोरोना रोगियों का इलाज कर रहे अस्पताल के 37 डॉक्टर कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। इन कोरोना योद्धाओं में से अधिकांश में हल्के लक्षण हैं। 32 डॉक्टर घर पर आइसोलेशन में हैं और बाक़ी पाँच अस्पताल में भर्ती हैं।'
यह चिंता की बात है कि डॉक्टर संक्रमित हो गए क्योंकि देशभर में 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के साथ ही सबसे पहले कोरोना टीका स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाए गए थे।
दिल्ली में रात का कर्फ्यू
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने रात का कर्फ्यू लगा दिया है। ऐसे में छोटे-मोटे काम करने वाले लोग लॉकडाउन की आशंका से डरे हुए हैं और वे दिल्ली छोड़ रहे हैं। दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से प्रवासी मजदूरों की तसवीरें सामने आई हैं। दिल्ली में बीते कुछ दिनों से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
ट्रेन पकड़ने के लिए आनंद विहार टर्मिनल पहुंचे प्रवासी मजदूर बताते हैं कि पिछले साल वे लॉकडाउन में यहां फंस गए थे और अब दुबारा वैसे हालात का सामना नहीं करना चाहते।
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