एयर इंडिया की फ्लाइट में एक सह-यात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि उसने बुजुर्ग महिला पर पेशाब नहीं की थी, बल्कि उस महिला ने ही खुद पर पेशाब की थी। शंकर मिश्रा का यह दावा दिल्ली पुलिस द्वारा उनसे पूछताछ के लिए हिरासत में लेने के अनुरोध पर सत्र अदालत के नोटिस के जवाब में आया है। आजे पहले आरोपी ने कभी ऐसा दावा नहीं किया था।
अदालत के सामने आरोपी के वकील ने दावा किया कि बुजुर्ग महिला का स्वास्थ्य ठीक नहीं था और इस वजह से उन्होंने खुद पर पेशाब कर दी थी। एक रिपोर्ट के अनुसार उनके वकील ने अदालत को बताया है कि महिला 30 से अधिक वर्षों से भरतनाट्यम नृत्यांगना थीं और उनके लिए अनियमित पेशाब होना सामान्य बात थी।
यह घटना 26 नवंबर, 2022 को हुई थी। एयरलाइन की न्यूयॉर्क-दिल्ली AI-102 फ्लाइट में सवार एक कथित रूप से नशे में धुत पुरुष यात्री शंकर मिश्रा ने एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब कर दी थी। डीजीसीए का कहना है कि यह घटना 4 जनवरी को डीजीसीए के संज्ञान में आई।
दिल्ली पुलिस ने 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में गंदी हरकत करने और अपने बगल में बैठी बुजुर्ग महिला यात्री पर पेशाब करने के लिए मुंबई के व्यवसायी शंकर मिश्रा को आरोपी बनाया। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। एयर इंडिया ने उस पर 30 दिनों तक अपनी फ्लाइट में रोक लगा दी थी। मिश्रा को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी को शनिवार को एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। बाद में कोर्ट ने पुलिस की हिरासत के अनुरोध को ठुकरा दिया था। तब न्यायाधीश ने कहा था, 'कथित कृत्य अपने आप में किसी भी महिला की मर्यादा भंग करने के लिए पर्याप्त है। अभियुक्त के अहंकारी आचरण ने नागरिक चेतना को झकझोर दिया है।'
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार जमानत की सुनवाई के दौरान मिश्रा के वकीलों ने महिला पर पेशाब न करने जैसे दावे का कोई ज़िक्र नहीं किया था। तब उनके वकील ने यह तर्क दिया था कि 'उनका कार्य न तो सेक्सुअल हैरेसमेंट के उद्देश्य से किया गया था और न ही शिकायतकर्ता की अस्मिता को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से'।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि एयर इंडिया ने आरोपी और शिकायतकर्ता के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी। एयर इंडिया ने दिल्ली पुलिस को सिर्फ उनके नाम बताए थे। इसके बाद पुलिस ने पूरी पड़ताल की। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया के अफसरों और केबिन क्रू को नोटिस जारी किया था। डीजीसीए ने पूछा था कि इस घटना में उनके द्वारा की गई लापरवाही के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। डीजीसीए ने कहा था कि एयर इंडिया के स्टाफ का यह बर्ताव अनप्रोफेशनल था।
हालाँकि महिला ने कहा है कि उसे चालक दल द्वारा आदमी से माफी स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया था और बाद में टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन से शिकायत की, जो एयर इंडिया के मालिक हैं।
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