क्या दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से करती तो दिल्ली दंगा हो पाता? बिल्कुल नहीं। अब जो रिपोर्टें आ रही हैं वे सभी इसकी पुष्टि करती हैं। अब रिपोर्ट आई है कि मदद के लिए या दंगा रोकने के लिए चार दिन में 13 हज़ार से ज़्यादा फ़ोन कॉल पुलिस को किया गया। इसका मतलब साफ़ है कि इतने बड़े स्तर पर लोग हिंसा रोकने की बात कह रहे थे और इसके लिए प्रयासरत भी थे। लेकिन कार्रवाई क्या हुई? एक रिपोर्ट के अनुसार, जो रिकॉर्ड मिले हैं उसमें पता चलता है कि कार्रवाई न के बराबर की गई। यानी पुलिस मौक़े पर पहुँची ही नहीं। तो क्या पुलिस कम पड़ गई थी? तब दिल्ली पुलिस के प्रमुख रहे अमुल्य पटनायक ने दावा किया था कि पुलिस बल की कमी नहीं थी। फिर ऐसा क्यों हुआ कि पुलिस दंगे की जगहों नहीं पहुँची और चार दिन तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली उबलती रही और क़त्लेआम होता रहा?
दिल्ली पुलिस को 13 हज़ार फ़ोन कॉल आए तो पुलिसकर्मी क्या कर रहे थे?
- दिल्ली
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- 29 Feb, 2020
क्या दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से करती तो दिल्ली दंगा हो पाता? बिल्कुल नहीं। अब जो रिपोर्टें आ रही हैं वे सभी इसके सबूत हैं। अब रिपोर्ट आई है कि मदद के लिए या दंगा रोकने के लिए चार दिन में 13 हज़ार से ज़्यादा फ़ोन कॉल पुलिस को किया गया।
