एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है कि दिल्ली में हिंसा शुरू होने से एक दिन पहले यानी रविवार को ट्रकों में भरकर बाहर से लोग और ईंट-पत्थर लाए गए थे। शायद साथ में हथियार भी हों। इससे साफ़-साफ़ लगता है कि दंगा कराया गया है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण तो यही है कि इसकी पहले से तैयारी की गई थी और इसमें एक साथ कई प्रयोग किए गए। ये प्रयोग क़त्लेआम करने के लिए थे। क्या एक साथ 10 ट्रकों में भरकर लोगों को बाहर से लाया जाए तो इसे प्रयोग नहीं कहेंगे? ट्रक में ईंट-पत्थर बाहर से मंगाया जाए तो इसे क्या कहेंगे? क्या कहेंगे जब दंगे में तलवार-चाकू, लाठी-डंडे, ईंट-पत्थरों से काफ़ी आगे बढ़ नये-नये तरीक़े इस्तेमाल किए जाएँ? बंदूकें चलें। पेट्रोल बम का इस्तेमाल हो। इन्हें ज़्यादा से ज़्यादा दूर फेंकने के लिए बड़े-बड़े गुलेल बनाए जाएँ। चार-पाँच मंजिली बिल्डिंगों पर चढ़ने के लिए रस्सी का ऐसे इस्तेमाल किया जाए जिसे ख़ास ट्रेनिंग वाले लोग ही इस्तेमाल करते हैं। ख़ासकर मिलिट्री के लोग या रॉक क्लाइंबर। क्या ये बड़ी साज़िश की तरफ़ इशारा नहीं करते और क्या इसकी तैयारी काफ़ी पहले से नहीं की गई थी?
ट्रकों में भरकर बाहर से लोग और ईंट-पत्थर किसने मँगाए?
- दिल्ली
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- 29 Feb, 2020

एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है कि हिंसा शुरू होने से एक दिन पहले यानी रविवार को ट्रकों में भरकर बाहर से लोग और ईंट-पत्थर लाए गए थे। शायद साथ में हथियार भी हों। इससे साफ़-साफ़ लगता है कि दंगा कराया गया है।