गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान मारे गए युवक नवरीत सिंह के परिजनों ने पुलिस के इस दावे को एक बार फिर सिरे से खारिज कर दिया है कि उसकी मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई थी। उनका कहना है कि नवरीत को गोली मारी गई थी।
बता दें कि 26 जनवरी को किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया था। लेकिन कई लोग तय रूट से अलग हट कर ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में घुस गए, जगह-जगह हिंसा हुई। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आँसू गैस के गोले छोड़े। इसी दिन ट्रैक्टर पर सवार युवक नवरीत सिंह की मौत हो गई।
दिल्ली पुलिस का वीडियो
इस वारदात के बात दिल्ली पुलिस ने एक वीडियो फुटेज जारी किया था, जिसमें यह देखा जा सकता है कि पुलिस बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश में एक ट्रैक्टर पलट जाता है।
लेकिन नवरीत के घर के लोगों ने प्रत्यक्षदर्षियों के हवाले से कहा कि ट्रैक्टर पलटने से पहले ही उसे गोली मारी गई थी।
क्या कहना है नवरीत के परजनों का?
नवरीत के दादा हरदीप सिंह डिबडिबा ने 'द वायर' से कहा,
“
"डॉक्टरों ने हमसे कहा कि उन्होंने गोली से हुआ घाव देखा था, हमने शांतिपूर्वक अंतिम संस्कार कर दिया। पर हमारे साथ धोखा हुआ है, पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट में यह लिखा हुआ नहीं है। डॉक्टर ने तो हमसे यह भी कहा कि वे कुछ कर नहीं सकते, उनके हाथ बंधे हुए थे।"
हरदीप सिंह डिबडिबा, मरहूम नवरीत के दादा
उन्होंने कहा कि "डॉक्टरों ने गोली लगने के घाव के बारे में सीधे नहीं कहा था, लेकिन जो स्थितियाँ हैं और जिस तरह की सरकार है, उसे देखते हुए वे जितना लिख सकते थे, लिखा। अब अदालत ही इस पर कुछ कहेगी।"
'4 फरवरी के बाद करेंगे कार्रवाई'
मरहूम नवरीत के पिता विक्रमजीत सिंह ने 'द वायर' से कहा, "जिस किसी ने उसका शव देखा, यही कहा कि उसे गोली लगी थी। पोस्टमॉर्टम करने वाले एक डॉक्टर ने भी कहा था कि गोली मारी गई थी, पर वह ऐसा लिख नहीं सकता। हम 4 फरवरी को अंतिम संस्कार करने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।"
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अविनाश चंद्र ने कहा, "हमने ऑटोप्सी के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों का एक पैनल बनाया है। इससे जुड़े तथ्यों को दबाने या उसे तोड़-मरोड़ करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि वह मामला दिल्ली पुलिस से जुड़ा हुआ है।"
'मानवाधिकार आयोग जाएंगे'
नवरीत के परिवार वालों का कहना है कि वे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संपर्क करेंगे। वह पोस्टमॉर्टम के वीडियो का अध्ययन कर संबंधित डॉक्टरों से बात करेगा।
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली मारने की कोई बात नहीं है। पर उसकी निचली टु्ड्ढी और दाहिने कान पर कटे-फटे घाव (लैसेरेटेड वुन्ड्स) देखे गए।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नवरीत की देह पर छह जगहों पर घाव के निशान पाए गए-भौंह, टुड्डी, खोपड़ी, कान, छाती और जाँघ।
क्या है पोस्टमॉर्टम में?
'द वायर' के अनुसार, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि टुड्ढी के बाईं ओर दो सेंटीमीटर का चीथने का घाव (लेसेरेटेड वु्न्ड) और मुँहं के बाईं ओर एक सेंटीमीटर का घाव देखा गया है। रिपोर्ट में दाएं कान के नीचे भी ऐसा ही घाव (लेसेरेटेड वु्न्ड) देखा गया है।
'द वायर' के अनुसार ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंज के एक डॉक्टर ने कहा कि इस तरह के घाव गोली लगने से हो सकते हैं।
इस तरह का घाव यानी (लेसेरेटेड वु्न्ड) तब होता है जब त्वचा या मांसपेशी कट जाए, यह कटाव गहरा य हल्का, छोटा या बड़ा हो सकता है। ऐसा तब होता है जब कोई चीज तेज़ी से त्वचा से टकराए या त्वचा किसी चीज से ज़ोर से टकराए।
नवरीत के पिता के अनुसार डॉक्टरों ने उनसे कहा कि एक्स-रे रिपोर्ट में गोली लगने से हुआ घाव दिखता है।
रामपुर के जिस अस्पताल में नवरीत का पोस्टमॉर्टम कराया गया, उसके डॉक्टर व डिप्टी सीएमओ मनोज शुक्ला ने एक्स-रे कराए जाने की बात द वायर से कही है। लेकिन उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में एक्स-रे का कोई उल्लेख नहीं है।
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