निर्भया बलात्कार और हत्याकांड के चारो दोषियों को फाँसी दिए जाने पर महिला आयोग ने कहा है कि यह सज़ा एक मिसाल है। राष्ट्रीय महिला आयोग और दिल्ली महिला आयोग ने इस फाँसी को एक महत्वपूर्ण क़दम क़रार दिया है और कहा है कि इससे बलात्कारियों को सबक मिलेगा। हालाँकि उन्होंने न्याय में देरी पर सवाल उठाए। ऐसे ही सवाल निर्भया की माँ ने भी उठाए हैं, लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा कि भले ही न्याय मिलने में देरी हुई लेकिन न्याय मिल गया।
निर्भया के दोषियों को फाँसी एक मिसाल, बलात्कारियों के लिए संदेश: महिला आयोग
- दिल्ली
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- 20 Mar, 2020
निर्भया बलात्कार और हत्याकांड के दोषियों को फाँसी दिए जाने पर महिला आयोग ने कहा है कि यह सज़ा एक मिसाल है। राष्ट्रीय महिला आयोग और दिल्ली महिला आयोग ने इस फाँसी को एक महत्वपूर्ण क़दम क़रार दिया है और कहा है कि इससे लोगों को सबक मिलेगा।

2012 में निर्भया के साथ हुई इस घटना के सात साल बाद चारो दोषियों को फाँसी मिली। चारो दोषी आख़िरी समय तक अपनी सज़ा टलवाने के प्रयास में लगे रहे। फाँसी से पहले तड़के भी एक दोषी पवन गुप्ता की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और उसकी आखिरी अर्जी भी खारिज कर दी गई। दया याचिका जैसे अपने क़ानूनी अधिकारों की वजह से चौथी बार डेथ वारंट जारी करना पड़ा था। दिल्ली की एक अदालत ने सभी चार दोषियों का 20 मार्च के लिए आख़िरी डेथ वॉरंट जारी किया था।