सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट के आदेश और स्पीकर एनपी प्रजापति द्वारा कांग्रेस के 16 बाग़ी विधायकों के इस्तीफ़े मंजूर कर लिए जाने के बाद मध्य प्रदेश की 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार के बच पाने की संभावनाएँ लगभग ख़त्म हो गई हैं। फ्लोर टेस्ट के लिए दो बजे का समय सुनिश्चित किया गया है। चूँकि राजनीति में कई बार असंभव बात भी संभव हो जाया करती है, लिहाज़ा मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के मैनेजर्स हार मानने को तैयार नहीं हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास अब ‘तीन रास्ते’ ही नज़र आ रहे हैं।