loader

मुस्लिम विरोधी नफरत: छात्रों के धर्म पर टिप्पणी, दिल्ली की टीचर पर FIR

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार 29 अगस्त को बताया कि उसने दिल्ली के सरकारी स्कूल की टीचर हेमा गुलाटी पर अपनी क्लास में मुस्लिम छात्रों पर इस्लामोफोबिक टिप्पणियां करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। घटना के बाद, छात्रों और उनके परिवारों के एक समूह ने सर्वोदय बाल विद्यालय, कैलाश नगर, गांधी नगर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) रोहित मीणा ने कहा, “हमें एक स्कूल शिक्षक द्वारा छात्रों के खिलाफ कुछ धार्मिक शब्दों का इस्तेमाल करने की शिकायत मिली थी। हमने मामले का संज्ञान लिया है। हमने उचित कानूनी कार्रवाई करने के लिए परामर्शदाताओं के साथ-साथ किशोर कल्याण अधिकारी से बात की। टीचर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। ऐसे दो या तीन छात्र शिकायत का हिस्सा हैं, और उन सभी की काउंसलिंग की जाएगी।

स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे बच्चों के पैरंट्स में से एक महिला कौसर ने मीडिया को बताया कि “मेरे दो बच्चे यहां पढ़ते हैं। ये सुनकर हम सभी हैरान रह गए कि वो (हेमा गुलाटी) हमारे धर्म के बारे में कुछ भी जाने बिना ऐसी अपमानजनक बातें कैसे कह सकती है? उन्होंने हमारे धार्मिक ग्रंथों और इबादत स्थलों पर टिप्पणी की। हम आहत हैं। अगर शिक्षक को सजा नहीं मिलती है, तो अन्य शिक्षक भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।'' 

ताजा ख़बरें

उन्होंने कहा, 'ऐसे टीचर का कोई फायदा नहीं जो छात्रों के बीच मतभेद पैदा करता हो। हमारी मांग है कि टीचर को स्कूल से हटाया जाए। उन्हें किसी भी स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहिए क्योंकि वो जहां भी जाएंगी वही करेंगी।”

यह घटना उस दिन हुई, जिस दिन 23 अगस्त को सभी छात्र चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का जश्न मना रहे थे, तभी टीचर हेमा गुलाटी ने मुस्लिम छात्रों पर भद्दी टिप्पणियां कीं। हालांकि वो मुस्लिम छात्र भी इस जश्न में शामिल थे।


इस्लामोफोबिक दुर्व्यवहार का शिकार हुए कक्षा 9 के छात्रों में से एक के परिवार के सदस्य ने मीडिया से कहा: “टीचर ने हमारे लड़कों से कहा कि मुसलमान बुरे हैं और हमारे धार्मिक ग्रंथों, इबादत स्थलों के बारे में विस्तार से टिप्पणी की। ...कक्षा में कही गई बातें भयानक हैं और उनका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने छात्रों पर निशाना साधा और उनसे कहा कि आजादी के बाद से मुसलमानों ने देश के लिए कुछ नहीं किया है।'

बहरहाल, टीचर हेमा गुलाटी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना...), 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक मान्यताओं का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही धारा 298 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से शब्दों का उच्चारण करना आदि) भी लगाई गई है।
यह घटना पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्कूल की घटना के बाद हुई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में, एक टीचर, जिसकी पहचान तृप्ता त्यागी के रूप में की गई है, को मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल के छात्रों से 7 वर्षीय मुस्लिम बच्चे को मारने के लिए कहते हुए देखा जा सकता है। त्यागी सभी मुस्लिम बच्चों को सबक सिखाने की बात कहते हुए, रो रहे उस मुस्लिम बच्चे को बाकी छात्रों को जोर से मारने के लिए भी कहती नजर आ रही हैं।

दिल्ली से और खबरें

इस घटना की सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना हुई और तमाम लोगों ने टीचर को गिरफ्तार करने की मांग की। हालाँकि सरकार ने इस वीडियो को इंटरनेट से हटवा दिया। लेकिन लड़के के बयान और उसके पिता की शिकायत के आधार पर तृप्ता त्यागी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। तृप्ता त्यागी ने इस घटना को लेकर कई बयान दिए और अंत में घटना के लिए माफी मांगते हुए अपना वीडियो जारी किया। उस मुस्लिम छात्र का एडमिशन अब दूसरे प्राइवेट स्कूल में हो गया है। फिलहाल तृप्ता त्यागी का नेहा पब्लिक स्कूल बंद है। शिक्षा विभाग के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें