पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) रोहित मीणा ने कहा, “हमें एक स्कूल शिक्षक द्वारा छात्रों के खिलाफ कुछ धार्मिक शब्दों का इस्तेमाल करने की शिकायत मिली थी। हमने मामले का संज्ञान लिया है। हमने उचित कानूनी कार्रवाई करने के लिए परामर्शदाताओं के साथ-साथ किशोर कल्याण अधिकारी से बात की। टीचर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। ऐसे दो या तीन छात्र शिकायत का हिस्सा हैं, और उन सभी की काउंसलिंग की जाएगी।
स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे बच्चों के पैरंट्स में से एक महिला कौसर ने मीडिया को बताया कि “मेरे दो बच्चे यहां पढ़ते हैं। ये सुनकर हम सभी हैरान रह गए कि वो (हेमा गुलाटी) हमारे धर्म के बारे में कुछ भी जाने बिना ऐसी अपमानजनक बातें कैसे कह सकती है? उन्होंने हमारे धार्मिक ग्रंथों और इबादत स्थलों पर टिप्पणी की। हम आहत हैं। अगर शिक्षक को सजा नहीं मिलती है, तो अन्य शिक्षक भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।''
उन्होंने कहा, 'ऐसे टीचर का कोई फायदा नहीं जो छात्रों के बीच मतभेद पैदा करता हो। हमारी मांग है कि टीचर को स्कूल से हटाया जाए। उन्हें किसी भी स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहिए क्योंकि वो जहां भी जाएंगी वही करेंगी।”
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यह घटना उस दिन हुई, जिस दिन 23 अगस्त को सभी छात्र चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का जश्न मना रहे थे, तभी टीचर हेमा गुलाटी ने मुस्लिम छात्रों पर भद्दी टिप्पणियां कीं। हालांकि वो मुस्लिम छात्र भी इस जश्न में शामिल थे।
इस्लामोफोबिक दुर्व्यवहार का शिकार हुए कक्षा 9 के छात्रों में से एक के परिवार के सदस्य ने मीडिया से कहा: “टीचर ने हमारे लड़कों से कहा कि मुसलमान बुरे हैं और हमारे धार्मिक ग्रंथों, इबादत स्थलों के बारे में विस्तार से टिप्पणी की। ...कक्षा में कही गई बातें भयानक हैं और उनका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने छात्रों पर निशाना साधा और उनसे कहा कि आजादी के बाद से मुसलमानों ने देश के लिए कुछ नहीं किया है।'
बहरहाल, टीचर हेमा गुलाटी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना...), 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक मान्यताओं का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही धारा 298 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से शब्दों का उच्चारण करना आदि) भी लगाई गई है।
इस घटना की सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना हुई और तमाम लोगों ने टीचर को गिरफ्तार करने की मांग की। हालाँकि सरकार ने इस वीडियो को इंटरनेट से हटवा दिया। लेकिन लड़के के बयान और उसके पिता की शिकायत के आधार पर तृप्ता त्यागी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। तृप्ता त्यागी ने इस घटना को लेकर कई बयान दिए और अंत में घटना के लिए माफी मांगते हुए अपना वीडियो जारी किया। उस मुस्लिम छात्र का एडमिशन अब दूसरे प्राइवेट स्कूल में हो गया है। फिलहाल तृप्ता त्यागी का नेहा पब्लिक स्कूल बंद है। शिक्षा विभाग के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
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