दिल्ली में एमसीडी चुनाव की आहट होते ही कूड़े के पहाड़ और यमुना नदी की सफाई पर राजनीति शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी ने दिल्ली नगर निगम में अपने पिछले 15 साल के शासन में यहां कूड़े के ढेर लगा दिए हैं। जबकि बीजेपी यमुना नदी की सफाई को लेकर केजरीवाल सरकार को घेर रही है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना ने शुक्रवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ गोविंदपुरी इलाके में जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि एमसीडी गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास एक और नया कूड़े का पहाड़ बना रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दिल्ली में पहले ही कूड़े के 3 बड़े पहाड़ खड़े कर दिए और अब वह 16 और कूड़े के पहाड़ बनाने जा रही है।
बताना होगा कि एमसीडी के चुनाव इस साल मार्च में प्रस्तावित थे लेकिन केंद्र सरकार ने कहा था कि वह दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने जा रही है और इस वजह से एमसीडी के चुनाव लटक गए थे। अब केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन को लेकर बनी कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है और माना जा रहा है कि बहुत जल्द एमसीडी के चुनावों का एलान हो सकता है।
आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि बीजेपी शासित इन नगर निगमों में जबरदस्त भ्रष्टाचार है और ये बेहद जर्जर हालात में हैं। बता दें कि साल 2012 तक दिल्ली में एकीकृत नगर निगम था लेकिन दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने इसे उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों में बांट दिया था।
तीनों नगर निगमों को मिलाकर दिल्ली में कुल 272 वार्ड थे लेकिन वार्डों के परिसीमन के बाद अब 250 वार्ड होंगे। इनमें से 42 वार्ड महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगे।
आम आदमी पार्टी इन दिनों कूड़े के पहाड़ को लेकर बीजेपी पर हमलावर है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल गुरुवार को गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने दिल्ली को गंदगी और कूड़े के पहाड़ के सिवा और दिया क्या है। केजरीवाल के गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर पहुंचने से पहले बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता वहां पहुंच गए थे और उन्होंने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था।
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम को एक पैसा नहीं दिया।
आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान ने ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली के लोग पूरी दिल्ली में जगह-जगह कूड़े के ढेर सहने के लिए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी एमसीडी छोड़ दे। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि अगर 24 घंटे के अंदर उनके विधानसभा क्षेत्र से सभी कूड़े के ढेर नहीं हटाए गए तो उत्तम नगर विधानसभा के सभी कूड़े के ढेर पर बीजेपी नेताओं और मंत्रियों के फोटो लगाए जाएंगे।
2017 में जब एमसीडी के 272 वार्डों में चुनाव हुआ था तो बीजेपी को 181 वार्डों में जीत मिली थी जबकि आम आदमी पार्टी को 48, कांग्रेस को 30 और अन्य को 11 वार्डों पर जीत मिली थी।
यमुना की सफाई का मुद्दा
आम आदमी पार्टी के द्वारा कूड़े के ढेर को मुद्दा बनाए जाने के बाद बीजेपी के तमाम नेता यमुना की सफाई के मुद्दे पर मैदान में उतर आए हैं। बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल सरकार छठ पूजा के लिए यमुना से झाग मिटाने के लिए जहरीले केमिकल का छिड़काव करवा रही है और अगर किसी महिला को इस जहरीले पानी में पूजा करने से कोई नुकसान हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा।
वर्मा ने कहा है कि बिना ट्रीटमेंट किए दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया का ज़हरीला पानी यमुना नदी में डाला जा रहा है। केजरीवाल सरकार ने 1200 करोड़ रुपए यमुना की सफ़ाई में खर्च कर दिए। वह पैसा कहां गया?
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि जिस यमुना सफाई के प्रोजेक्ट को लेकर केजरीवाल सरकार ने हाथ खड़े कर दिए थे, उसे केंद्र सरकार ने शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने यमुना की सफ़ाई के लिए आजतक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया।
इस पर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि बीजेपी वाले एमसीडी के कूड़े का कुकर्म छुपाने के लिए नये बहाने लेकर आ रहे हैं।
केजरीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर
दिल्ली और पंजाब में जबरदस्त जीत हासिल करने के बाद अरविंद केजरीवाल इन दिनों गुजरात की सियासी जमीन नाप रहे हैं। गुजरात के चुनाव के साथ ही एमसीडी के चुनाव का एलान होने की बात भी कही जा रही है। ऐसी सूरत में अरविंद केजरीवाल को अपना पूरा जोर एमसीडी के चुनाव में लगाना होगा क्योंकि पिछली बार दिल्ली में सरकार होते हुए भी एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को तगड़ी शिकस्त मिली थी। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह इस बार एमसीडी चुनाव में बीजेपी को धूल चटा देगी।
निश्चित रूप से एमसीडी के चुनाव में अरविंद केजरीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर है और देखना होगा कि वह एमसीडी में आम आदमी पार्टी का मेयर बना पाते हैं या नहीं।
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