पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें वह एक अधिकारी से बदतमीजी से बात करते हुए नज़र आ रहे हैं। उस वीडियो में वह अधिकारी के साथ तीखी बहस करते हैं और उन्हें बेशर्म और घटिया आदमी कहते हुए नज़र आते हैं।
सोशल मीडिया पर लोग सांसद की भाषा को लेकर आपत्ति जता रहे हैं। ट्विटर पर लोगों ने कहा है कि क्या ऐसी भाषा एक सांसद की हो सकती है।
'ये केमिकल सर पर डाल दूं?'
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) October 28, 2022
ये है भाषा, एक BJP सांसद की?
Party with a difference..
फिर स्थानीय लोगों ने सांसद जी को जो जबाव दिया,सुन लो... बोलती बंद कर दी। pic.twitter.com/nBT2v7Fg7i
दरअसल, यह पूरा मामला दिल्ली में छठ पूजा की तैयारी को लेकर है। छठ पूजा से पहले यमुना नदी में तैरते झागों को लेकर बीजेपी ने एक बार फिर दिल्ली सरकार पर हमला किया है। भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल सरकार पर यमुना के पानी में केमिकल डालकर उसे जहरीला करने का अरोप लगाया है।
भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा का सरकारी अधिकारी के साथ सड़क छाप लफंगे छुटभैये नेता जैसी भाषा 🤮
— Abhishek (@AbhishekSay) October 28, 2022
"ये कैमिकल तेरे सर पर डाल दूं?"
"तू इसमें डुबकी लगा चल अभी"
"तुम्हें सlला आठ साल में ध्यान नहीं आया"pic.twitter.com/rKcoDyr98H
हालाँकि उस दौरान का एक और वीडियो सामने आया है और उसमें देखा जा सकता है कि एक शख्स सांसद को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो के साथ एक यूज़र ने लिखा है कि सांसद राजनीति करने पहुँचे तो लोगों ने खरी-खोटी सुना दी।
BJP का बतमीज़ सांसद @p_sahibsingh छठ पूजा पर राजनीति करने के लिए पहुँचा था लेकिन लोगों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई।
— Anahat🇮🇳 (@AnahatSagar) October 28, 2022
प्रवेश वर्मा का झूठ भी उसके मुंह पर मारा तो साथ गया @TajinderBagga पतलीगली से साइड ही निकल लिया😂pic.twitter.com/YVCazd5M0M
वीडियो में स्थानीय लोगों ने दिल्ली सरकार के अफसरों को धमकाने पर बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा को टोका। उसने सांसद के कई दावों को खारिज कर दिया और अधिकारी का बचाव किया।
इस मामले में अपनी सफाई देते हुए प्रवेश वर्मा ने कहा कि आज यमुना के पास छठ घाट का दौरा करने पर हमें वहाँ जहरीले केमिकल के कंटेनर मिले, इस केमिकल को नदी में डाला जाएगा। एएनआई से वर्मा ने कहा, 'वहां मौजूद अधिकारी से पूछा कि लोगों को नुक़सान के लिए कौन जिम्मेदार होगा। मैंने उनसे बार-बार कहा कि यमुना नदी में केमिकल न डालें। अगर अधिकारी इस मामले में मेरी बात नहीं सुनते हैं तो मैं नाराज कैसे नहीं हो सकता। दिल्ली की जनता के हित के लिए अगर मुझे इस तरह से बात करनी पड़े तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है, यही सही है।'
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