दिल्ली के पूर्व
उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को दो दिन के लिए
बढ़ाई गई सीबीआई हिरासत आज समाप्त होने के बाद दिल्ली की एक अदालत में पेश किया
गया। आज हुई सुनवाई के बाद उन्हें 20 मार्च तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
उन्हें दिल्ली आबकारी
नीति मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
आज हुई सुनवाई के बाद उन्हें 20 मार्च तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सीबीआई कोर्ट ने आज फैसला सुरक्षित रख लिया थी। मामले की अगली सुनवाई सोमवार 10 मार्च को 2 बजे हुई, यहां से उन्हें 20 मार्च तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पिछली सुनवाई में सीबीआई ने जांच में सहयोग न करने का कारण बताते हुए तीन की रिमांड मांगी थी। सिसोदिया के वकीलों ने कहा था की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, ऐसा कहकर रिमांड देने का ग्राउंड नहीं हो सकता।
मनीष की रिमांड मांगते हुए सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि अभी गवाहों को सामने बिठाकर सिसोदिया से पूछताछ करनी है। अभी दिल्ली सरकार के कुछ अफसरों के सामने बिठाकर पूछताछ की गई है। साजिश कि जांच करनी है। कुछ डिजिटल एविडेंस भी हैं, उन्हें सामने रखकर पूछताछ करनी है।
सुनवाई के दौरान जज ने सीबीआई से केस डायरी मांगी और पूछा कितने घंटे पूछताछ की है? इस पर जवाब देते सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया ने एक दवा की मांग की थी, जिसके चक्कर हमारा पूरा एक दिन बर्बाद हुआ, एक दिन सुप्रीम जाने के में बर्बाद हुआ।
सिसोदिया के वकील ने कहा की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं ऐसा कहकर रिमांड देने का ग्राउंड नहीं हो सकता। सीबीआई ने कोर्ट को जानकारी दी कि पूरे पूछताछ की रिकॉर्डिंग सीडी में है लेकिन उसे कोर्ट में दिखा नहीं सकते। सीबीआई ने कोर्ट में जानकारी दी कि रोजाना रात 8 बजे तक पूछताछ होती है। एक दिन पूरा सुप्रीम कोर्ट में चला गया. सीबीआई ने कहा कि कुछ दस्तावेज मिसिंग है, जिनको बरामद करना है।
सिसोदिया के वकील ने कहा की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं ऐसा कहकर रिमांड देने का ग्राउंड नहीं हो सकता। सीबीआई ने कोर्ट को जानकारी दी कि पूरे पूछताछ की रिकॉर्डिंग सीडी में है लेकिन उसे कोर्ट में दिखा नहीं सकते।
मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई चाहती है कि जब तक वे जुर्म कबूल न कर लें, तब तक उन्हें कस्टडी चाहिए? वकील ने यह भी कहा कि कई महीनों तक गिरफ्तार नहीं किया, अब अचानक गिरफ्तार किया और अब रिमांड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सारी चीज़ें अचानक कहां से मिलने लगीं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि हमने गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। इस पर जज ने पूछा कि क्या आपने रिमांड को भी चैलेंज किया है? कोर्ट ने कहा कि अगर आपको लगता है कि रिमांड का आदेश गलत है तो उसको हाईकोर्ट में चुनौती दीजिए।
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