'मलयालम नहीं, हिन्दी या अंग्रेजी बोलें', इस आदेश पर दिल्ली के नर्सो ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। मलयालम- भाषी नर्सों की प्रतिनिधि संस्था ने इसे भाषायी स्वतंत्रता पर ख़तरा बताया है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों से माफ़ी माँगने को कहा है।
मलयालम नहीं बोलने के आदेश को बताया भाषायी आज़ादी पर हमला, माफ़ी माँगने को कहा
- दिल्ली
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- 6 Jun, 2021
'मलयालम नहीं, हिन्दी या अंग्रेजी बोलें', इस आदेश पर दिल्ली के नर्सो ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। मलयालम- भाषी नर्सों की संस्था ने इसे भाषायी स्वतंत्रता पर ख़तरा बताया है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों से माफ़ी माँगने को कहा है।

बता दें कि गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीच्यूट ऑफ़ पोस्ट ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन एंज रिसर्च ने 5 जून को एक सर्कुलर जारी कर कहा कि नर्सें मलयालम में बोलें, वे हिन्दी या अंग्रेजी ही बोलें।