मजरूह सुल्तानपुरी का एक शेर है ‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया’। आपने भी सुना होगा। मगर, इसी शेर को अगर हम इस तरह पढ़ें कि ‘मैं कारवाँ में चला था जानिब-ए-मंज़िल, लोग छूटते गए और मैं अकेला रह गया’। शायद आप समझ गए होंगे कि मैं अरविंद केजरीवाल के बारे में बात कर रहा हूँ। केजरीवाल का साथ छोड़ने वालों में ताज़ा नाम है अल्का लाम्बा का। अल्का लाम्बा कांग्रेस में लौटने के लिए तैयार बैठी हैं। केजरीवाल पर उन्होंने जिस तरह के आरोप लगाए हैं, वैसे ही आरोप दूसरों ने भी लगाए और एक-एक करके पार्टी छोड़ते चले गए।
एक-एक कर नेता क्यों छोड़ रहे हैं केजरीवाल का कारवाँ?
- दिल्ली
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- 19 Mar, 2019

केजरीवाल का साथ छोड़ने वालों में ताज़ा नाम है अल्का लाम्बा का। अल्का लाम्बा ने केजरीवाल पर जिस तरह के आरोप लगाए हैं, वैसे ही आरोप दूसरों ने भी लगाए और एक-एक करके पार्टी छोड़ते चले गए।