बाहरी दिल्ली के कंझावला इलाके में हुई अंजलि की मौत के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में पता चला है कि इस हादसे में जिस आरोपी के बारे में बताया गया था कि वह कार चला रहा था, उस वक्त वह कार में था ही नहीं और अपने घर पर था। इस शख्स का नाम दीपक खन्ना है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि दीपक खन्ना से उसके चचेरे भाई और दोस्तों ने कहा था कि वह पुलिस को यह बताए कि वह हादसे के वक्त उनके साथ था। और ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि कार में मौजूद किसी भी अभियुक्त के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और दीपक के पास ड्राइविंग लाइसेंस था।
इस मामले की बेहद बारीकी से जांच कर रही पुलिस ने पाया है कि दीपक खन्ना के फोन की लोकेशन इस मामले के चार अन्य अभियुक्तों के फोन की लोकेशन से अलग थी। पुलिस के मुताबिक दीपक खन्ना के फोन की लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि घटना वाले दिन वह दिन भर घर पर था।
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा ने बताया है कि अमित खन्ना ही इस कार को चला रहा था और पुलिस के पास इस बात को साबित करने के लिए सुबूत हैं।
इस हादसे में कार से स्कूटी की टक्कर होने के बाद अभियुक्तों ने अंजलि को 10 से 12 किलोमीटर तक घसीटा था और इसमें उसकी जान चली गई थी। अजंलि की उम्र 20 साल थी।
कार मालिक आशुतोष गिरफ्तार
इस मामले में एक सीनियर पुलिस अफसर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हादसे के बाद अमित खन्ना ने अपने भाई अंकुश खन्ना को इस बारे में जानकारी दी। अंकुश ने उनसे अपने चचेरे भाई दीपक से बात करने को कहा। इन लोगों ने दीपक से कहा कि वह इस हादसे की जिम्मेदारी अपने सिर पर ले ले क्योंकि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस है। पुलिस ने इस मामले में दीपक खन्ना, मनोज मित्तल, अमित खन्ना, कृष्णा और मिथुन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था और अब बलेनो कार के मालिक आशुतोष को भी शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है जबकि सातवें आरोपी अंकुश की तलाश जारी है।
एक पुलिस अफसर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने विरोधाभासी बयान दिए। हमें जांच में पता चला कि उस रात को दीपक के फोन की लोकेशन उसके घर की थी।
बलेनो कार आशुतोष नाम के शख्स की है जो नोएडा की एक कंपनी में काम करता है। उस पर आरोप है कि उसने गाड़ी कौन चला रहा था इस बारे में पुलिस से झूठ बोला था। आशुतोष ने पुलिस को बताया था कि उसके दोस्त दीपक और अमित खन्ना 31 दिसंबर की शाम को 7 बजे उसके घर से कार ले गए थे और सुबह 5 बजे उसके घर पर छोड़ गए थे।
शराब पी, मूरथल गए
जांचकर्ताओं के मुताबिक, अमित खन्ना, कृष्णा, मिथुन और मनोज मित्तल ने 31 दिसंबर की रात को मूरथल में पार्टी करने की योजना बनाई थी। यह लोग शाम को 6 बजे घर से निकले और सुल्तानपुरी में स्थित मनोज मित्तल की राशन की दुकान पर पहुंचे। यहां इन लोगों ने शराब पी। यहां ये 10 बजे तक रुके और उसके बाद मूरथल चले गए। देर रात को यह लोग मूरथल से लौटे और उस दौरान रात को 1:40 से 2 बजे के बीच यह हादसा हुआ। और उस वक्त अंजलि अपनी दोस्त निधि के साथ वापस लौट रही थी।
हादसे के दौरान बलेनो कार ने स्कूटी को टक्कर मार दी और दोनों युवतियां सड़क पर गिर गई।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह सभी लोग नशे में थे। इस दौरान उन्होंने कार को आगे-पीछे किया और अंजलि के पांव का निचला हिस्सा टायर में फंस गया। इसके बाद यह लोग उसे घसीटते हुए ले गए। शुरुआत में अभियुक्तों को इस बात का पता नहीं चला कि अंजलि कार में फंसी हुई है लेकिन कुछ टाइम बाद उन्हें एहसास हुआ।
सुबह 3 बजे के आसपास यह लोग कंझावला मोड पर पहुंचे और इस दौरान पुलिस से बचने की कोशिश करते रहे।
पुलिस अफसर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सुबह 4 बजे लड़की का शव कार से नीचे गिर गया। अंजलि का शव सुबह 4.05-4.10 बजे के आसपास पुलिस वैन को मिला। हादसे के बारे में सूचना मिलने के बाद से ही पुलिस बलेनो कार का पीछा कर रही थी।
निधि की गिरफ्तारी की मांग
देशभर को हैरान कर देने वाले इस मामले में अंजलि की दोस्त निधि के बयानों पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। अंजलि के परिजनों और स्थानीय लोगों ने गुरुवार को निधि के घर के बाहर प्रदर्शन किया और उसकी गिरफ्तारी की मांग की है। अंजलि की मां ने भी कहा है कि निधि गलत बयानबाजी कर रही है। अंजलि के मामा का कहना है कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। लेकिन निधि की मां ने अपनी बेटी को निर्दोष बताया है।
अपनी राय बतायें