जेएनयू में रविवार देर शाम को जब नक़ाबपोश कैंपस में हिंसा करने उतरे तो वैसे लोगों को भी नहीं छोड़ा जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार दिव्यांग कहकर बुलाती है। गुहार लगाते हुए दृष्टिहीन को भी नहीं छोड़ा नक़ाबपोश हमलावरों ने। जो भी उन्हें कैंपस में या हॉस्टल के कमरों में मिला, किसी को भी नहीं छोड़ा। यूनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि कुछ छात्रों को ज़्यादा ही टारगेट कर निशाना बनाया गया था। इसमें कश्मीरी छात्रों, वामपंथी छात्रों, फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे छात्र भी शामिल हैं।