दिल्ली विश्वविद्यालय के
एक एड-हॉक यानी तदर्थ शिक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्हें कुछ हफ्ते
पहले ही नौकरी से निकाला गया था। वे बाहरी दिल्ली के रानी बाग इलाके में रहते थे।
इस घटना के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्याल के पूर्व सहकर्मी शिक्षकों और छात्रों ने
प्रदर्शन किया।
33 साल के समरवीर
राजस्थान के बारां जिले के मोलकी गांव के रहने वाले थे। गुरुवार को उनका शव उनके
कमरे में लगे पंखे से लटका हुआ मिला। उनके साथ उनका एक रिश्तेदार भी रहता था,
जो घटना के समय अपने काम पर गया हुआ था। समरवीर
नौकरी से निकाले जाने से पहले हिंदू कॉलेज में दर्शनशास्त्र पढ़ा रहे थे।
उनकी आत्महत्या के बाद
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने हिंदू कॉलेज के बाहर प्रदर्शन
किया और मृत शिक्षक समरवीर के लिए न्याय की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए
और तख्तियां लहराईं। एसे ही ‘प्लेकार्ड’ पर लिखा था, ‘‘हम नौकरी में सुरक्षा की मांग कर रहे तदर्थ शिक्षकों के
संघर्ष में साथ खड़े हैं। प्रोफेसर समरवीर को न्याय मिले।’’
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विरोध प्रदर्शन कर रहे
शिक्षकों और छात्रों ने इसे सांस्थानिक हत्या करार दिया। विरोध करने पहुंचे
शिक्षकों का कहना है कि जो शिक्षक एड-हॉक के तौर पर जिस कॉलेज में पढ़ा रहा है,
उसे वहीं स्थाई नौकरी दी जाए। डीयू शिक्षक संघ
के एके भागी ने घटना पर दुख जताया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
समरवीर के साथ रह रहे
उनके रिश्तेदार ने पुलिस को बताया कि समरवीर हिंदू कॉलेज में एड-हॉक प्रोफेसर के
रूप में कार्यरत थे, लेकिन बीते फरवरी
महीने में उनकी जगह किसी और को नौकरी दे दी गई थी, उसके बाद से वे परेशान थे।
इस मसले पर जब माडिया ने
कॉलेज की प्राचार्य अंजू श्रीवास्तव से उनका पक्ष जानने के लिए फोन और मैसेज किये
तो उनका जवाब नहीं मिला। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से इस घटना पर बयान
जारी कर समरवीर के ‘दुखद और असमय’ निधन पर शोक-संवेदना प्रकट की गई। बयान में आगे
कहा गया कि ‘शब्दों से इस दुख को कम नहीं किया जा सकता है जो हम सब महसूस कर रहे
हैं।’
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मिरांडा हाउस की एसोसिएट
प्रोफेसर आभा देव हबीब ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कॉलेजों
में स्थायी पद के लिए ‘दो मिनट’ के साक्षात्कार के आधार पर लंबे समय से काम कर रहे
अनेक तदर्थ शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है।
एड-हॉक शिक्षकों के मसले
पर पूर्व मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने भी प्रतिक्रिया दी। सिब्बल ने इस मसले
पर ट्वीट करते हुए लिखा कि पूर्व तदर्थ शिक्षक ने आत्महत्या की। नयी शिक्षा नीति?
क्या यह दूरदर्शिता है?’’ ‘‘तदर्थ शिक्षक – पूरे भारत में यह प्रचलन है,
इस पर रोक लगाइए। शिक्षा के पेशे का अवमूल्यन
मत करिए। शिक्षा का अवमूल्यन मत करिए।’’
पुलिस द्वारा दी जा रही
जानकारी के अनुसाप घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन साथ रह रहे रिश्तेदार के अनुसार वह अवसाद
में थे। समरवीर अविवाहित थे। इस बीच पुलिस उपायुक्त (बाहरी दिल्ली) हरेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षक के कमरे में शराब की अनेक खाली बोतल और सिगरेट के डिब्बे मिले हैं। पुलिस ने कहा कि उसे घटना में किसी तरह की साजिश का संदेह नहीं है।
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