हालाँकि, मीडिया रिपोर्टों में अधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि टीम मलिक के दावों पर उनसे स्पष्टीकरण लेने पहुंची है। मलिक अब तक मामले में आरोपी या संदिग्ध नहीं है। पिछले सात महीने में यह दूसरी बार है जब सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है।
उनका बयान पिछले साल अक्टूबर में बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद दर्ज किया गया था।
इस मामले में उनको सीबीआई ने नोटिस जारी किया था और उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। नोटिस के बाद मलिक ने ट्वीट किया था, 'मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पापों को उजागर किया है। शायद इसलिए मुझे बुलाया गया है। मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं नहीं घबराऊँगा। मैं सच के साथ खड़ा हूं।'
सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने में मलिक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों और जम्मू-कश्मीर में किरू पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की।
मलिक ने दावा किया था कि 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
सीबीआई सत्यपाल मलिक से ऐसे समय में पूछताछ कर रही है जब कुछ दिनों पहले उन्होंने साक्षात्कारों में पुलवामा हमले, राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री मोदी के रुख सहित मुद्दों को लेकर उनपर गंभीर आरोप लगाए थे। करण थापर को दिए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जब वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तब उन्होंने इस योजना को पारित होने से रोक दिया था। उन्होंने कहा था कि इस योजना को पारित करने के लिए कथित तौर पर आरएसएस-बीजेपी नेता राम माधव ने कहा था।
बता दें कि सत्यपाल मलिक ने द वायर के इंटरव्यू में फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर बमबारी के बारे में कई बातें कही थीं। पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए था। सत्यपाल मलिक ने इंटरव्यू में कहा, 'सीआरपीएफ के लोगों ने अपने जवानों को ले जाने के लिए विमान मांगा था, क्योंकि इतना बड़ा काफिला कभी सड़क मार्ग से नहीं जाता। मैंने गृह मंत्रालय से पूछा, उन्होंने विमान देने से इनकार कर दिया, जबकि सीआरपीएफ को सिर्फ पांच विमानों की जरूरत थी, उन्हें विमान नहीं दिया गया।'
14 फरवरी, 2019 की शाम को याद करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने उन्हें उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क के बाहर से फोन किया था। उन्होंने कहा, "मैंने इसे उसी शाम पीएम को बताया था कि यह हमारी गलती है। अगर हम विमान देते तो ऐसा नहीं होता। उन्होंने मुझसे कहा- 'तुम अभी चुप रहो...।' हालांकि मैंने पहले ही कुछ चैनलों से यह बात कही थी। इसलिए पीएम ने कहा- 'ये सब मत बोलो, ये कोई और चीज है'।"
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