loader

पटाखा प्रतिबंधः सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सवाल किया कि पटाखों पर स्थायी, राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया और दिल्ली में सिर्फ खास महीनों के दौरान ही प्रतिबंध लागू किए जाते हैं, जबकि राजधानी में वायु प्रदूषण साल भर मुद्दा बना रहता है।

कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली किसी भी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता है। अगर इस तरह से पटाखे चलाए जाते हैं, तो यह नागरिकों के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार को भी प्रभावित करता है।


-सुप्रीम कोर्ट, 11 नवंबर 2024 सोर्सः बार एंड बेंच

मौजूदा प्रतिबंध को लागू करने में कमी को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने पूछा कि पटाखों के निर्माण, बिक्री और फोड़ने पर प्रतिबंध सिर्फ अक्टूबर और जनवरी के बीच ही क्यों लागू होता है, और पूरे साल के लिए क्यों नहीं।

ताजा ख़बरें

अदालत ने पूछा- "सिर्फ कुछ महीने ही क्यों? पूरे साल वायु प्रदूषण बढ़ता है!" 

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि वर्तमान आदेश त्योहारी सीजन और उन महीनों के दौरान वायु प्रदूषण पर केंद्रित था जब हवा दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाती है। हालाँकि, बेंच असहमत रही और सुझाव दिया कि स्थायी प्रतिबंध पर विचार किया जाना चाहिए।

अदालत ने 14 अक्टूबर को पारित दिल्ली सरकार के आदेश की भी जांच की, जिसमें पटाखों के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन चुनाव और विवाह जैसे आयोजनों के लिए अपवाद के रूप में अनुमति दी गई थी।

आपके आदेश में कहा गया है कि चुनाव, विवाह आदि के लिए पटाखे चलाए जा सकते हैं? आपके अनुसार स्टेकहोल्डर्स (हितधारक) कौन हैं?


-सुप्रीम कोर्ट, 11 नवंबर 2024 सोर्सः बार एंड बेंच

इस पर वकील ने जवाब दिया कि विभिन्न सरकारी विभाग इसमें शामिल थे, जिसने पीठ को आगे की जांच के लिए प्रेरित किया। दिल्ली के एलजी ने अधिकारियों पर दबाव डालते हुए सवाल किया था कि क्या अभी भी पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस दिए जा रहे हैं। बेंच ने जोर देकर कहा कि, पूर्ण प्रतिबंध के साथ, ऐसे किसी भी लाइसेंस की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने तब दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह प्रतिबंध आदेश के बारे में सभी संबंधित हितधारकों को तुरंत सूचित करें और यह तय करें कि पटाखों की बिक्री और उत्पादन न हो।

अदालत ने दिल्ली सरकार से 25 नवंबर से पहले शहर में पटाखों पर "स्थायी प्रतिबंध" पर विचार करने के लिए भी कहा, जिसमें खास समय तक सीमित प्रतिबंध के बजाय एक साल के प्रतिबंध की आवश्यकता पर जोर दिया।

दिल्ली से और खबरें

अदालत ने कहा- "अगर कोई पटाखे फोड़ने के मौलिक अधिकार का दावा करना चाहता है, तो उन्हें अदालत में आने दें! सिर्फ दिवाली पर नहीं बल्कि पटाखों पर साल भर का प्रतिबंध होना चाहिए।"

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें