कोर्ट के तीखे सवाल
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली कोर्ट के जज ने ईडी से कड़े सवाल किए थे। जैन की जमानत याचिका का रिव्यू करते हुए, विशेष जज गीतांजलि गोयल ने 'मामले में अपराध' के बारे में पूछा। जज ने एएसजे से पूछा, कि इस मामले में अपराध कहां हुआ है, बताएं? क्या 4.61 करोड़ रुपये कथित अपराधी की आय हो सकती है जबकि सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में 1.46 करोड़ रुपये का उल्लेख किया है? क्या यह पैसा डीए मामले में उस पैसे से अधिक हो सकता है? दरअसल, आरोपपत्र में सीबीआई और ईडी ने जिस रकम का जिक्र किया है, उनमें काफी बड़ी असमानता है। अदालत ने इसी मुद्दे पर ईडी से सवाल किए।एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इससे पहले एक पीआईएल दाखिल कोर्ट से मांग की गई थी कि सत्येंद्र जैन को दिमागी रूप से असंतुलित घोषित किया जाए और उन्हें मंत्री पद से हटाया जाए। अदालत ने पीआईएल को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को काफी खरीखोटी सुनाई थी। अदालत ने कहा कि जैन को मंत्री रहने और विधायक रहने का पूरा अधिकार है। मामला अभी चल रहा है। वो अपराधी घोषित नहीं हुए हैं।
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