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भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललित

सीजेआई के कदम का असर, 13 दिनों में 4000 केस निपटे

सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों की तेज सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस यूयू ललित द्वारा उठाए गए कदम के बेहतर नतीजे आने लगे हैं। अभी उनका सिर्फ 13 दिनों का कार्यकाल पूरा हुआ है और इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की विभिन्न बेंचों में 16000 से ज्यादा मामले सूचीबद्ध हुए और करीब 4000 केसों का निपटारा हुआ। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में इतनी तेजी से केसों की सुनवाई कभी नहीं हुई थी। हालांकि इस दौरान केस को कम समय देने का मामला भी सामने आया लेकिन वो इतना गंभीर मुद्दा नहीं है।

चीफ जस्टिस ललित को रिटायर होने से पहले कुल 74 दिन काम करने के लिए मिले हैं। जब उन्होंने चीफ जस्टिस की कुर्सी संभाली थी तो उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा था कि लंबित केसों का अंबार उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है। कोविड के कारण भी मुकदमों की संख्या बढ़ती चली गई। इसलिए उन्होंने मुकदमों की सुनवाई का नया तरीका निकाला और काम बांट दिया।

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टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस संबंध में आंकड़े देते हुए चीफ जस्टिस ललित के काम करने का अंदाज बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में 16,875 केस लिस्ट हुए, जिसमें सीजेआई ललित के आने के बाद 3797 मामलों का निपटारा किया गया। सुप्रीम कोर्ट में 13 दिनों में कुल 13,791 विविध मामलों की सुनवाई तय हुई। इनमें से 2447 ट्रांसफर की गई याचिकाएं भी शामिल हैं। 3084 रेगुलर केसों की सुनवाई भी तय हुई। कोर्ट ने 3531 विविध मामलों में फैसला सुनाया। 266 रेगुलर केसों में भी फैसला सुनाया गया। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 1 सितंबर 2022 तक सुप्रीम कोर्ट में 70.310 मामले लंबित थे। इनमें विविध और रेगुलर दोनों ही मामले शामिल हैं। जिस तरह से सीजेआई ललित काम कर रहे हैं, उस हिसाब से वो रिटायर होने से पहले करीब 12500 मामलों का निपटारा करा देंगे। अगर यह आंकड़ा सच साबित हुआ तो सुप्रीम कोर्ट पर काफी बड़ा बोझ कम होगा।

सीजेआई ने 27 अगस्त को शपथ ली थी। उसी दिन उन्होंने मुकदमों की सुनवाई का नया तरीका पेश किया था। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि 29 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट में 493 मामलों का निपटारा किया गया। इसके बाद सिलसिला बढ़ता गया। 

पीटीआई के मुताबिक चीफ जस्टिस यूयू ललित ने गुरुवार को कहा था कि तेजी से केसों की सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जजों में मतभेद की खबर गलत है। सीजेआई ने कहा कि हम लोग एक ही पेज पर हैं। जस्टिस ललित ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा CJI बनने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही।

पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि लिस्टिंग और अन्य चीजों सहित हर चीज के बारे में बहुत सी बातें कही गई हैं। मैं स्पष्ट कर दूं कि यह सच है कि हमने यह नई शैली, लिस्टिंग का एक नया तरीका अपनाया है। स्वाभाविक रूप से कुछ समस्याएं हैं। जो कुछ भी रिपोर्ट किया गया है वह सही स्थिति नहीं है। हम सभी जज पूरी तरह से एक ही पेज पर हैं।
चीफ जस्टिस ललित स्पष्ट रूप से उन मीडिया रिपोर्टों का जिक्र कर रहे थे, जिसमें दावा किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने वर्षों से लंबित मामलों के त्वरित निपटान के लिए नए सीजेआई द्वारा पेश किए गए एक नए केस लिस्टिंग सिस्टम पर अपने न्यायिक आदेश में नाराजगी व्यक्त की है।

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सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में वरिष्ठता में नंबर तीन पर जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक आपराधिक मामले की सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया, नई लिस्टिंग प्रणाली सुनवाई के लिए निर्धारित मामलों को लेने के लिए पर्याप्त समय नहीं दे रही है जैसे कि वर्तमान मामला।
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क़मर वहीद नक़वी
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