एमसीडी में मेयर की जीत का जश्न मना रही अरविंद केजरीवाल की पार्टी के लिए मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। ईडी ने अब सीधे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए को तलब किया है। इसने आबकारी घोटाले की चल रही जाँच के सिलसिले में केजरीवाल के पीए को पूछताछ के लिए बुलाया है। तो सवाल है कि पीए से पूछताछ क्यों? क्या मुख्यमंत्री का पीए सरकार के किसी फ़ैसले में कुछ निर्णय ले सकता है? या फिर यह पूछताछ इसलिए की जा रही है ताकि मुख्यमंत्री से जुड़े कुछ सवालों के जवाब ढूंढे जा सकें?
इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भी पूछताछ की जा रही है। एक अन्य मामले में जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन से भी पूछताछ की जा चुकी है। ईडी के अलावा इस मामले की जाँच सीबीआई भी कर रही है।
यह घटनाक्रम केंद्रीय जाँच ब्यूरो यानी सीबीआई द्वारा नई तारीख़ के लिए मनीष सिसोदिया के अनुरोध को स्वीकार करने के बाद आया है। सीबीआई ने मामले में पूछताछ के लिए सिसोदिया को अपने मुख्यालय में तलब किया है।
ईडी ने अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कहा है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए की अब तक की गई जाँच से पता चला है कि दिल्ली आबकारी नीति, 2021-22 का इस्तेमाल आप के शीर्ष नेताओं द्वारा लगातार अवैध धन उगाही करने और अवैध धन को खुद के पास पहुँचाने के लिए किया गया था।
हाल ही में सीबीआई और ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के लिए कई गिरफ्तारियाँ की हैं।
ईडी ने पिछले हफ्ते वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा को भी दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने राघव रेड्डी से भी पूछताछ की और पूछा कि क्या शराब के क़ारोबारियों ने दिल्ली में आप सरकार के पदाधिकारियों को एक बिचौलिए के माध्यम से रिश्वत दी थी।
आरोप था कि मगुंटा परिवार दिल्ली में शराब का एक धंधा चला रहा था और पिछले कई सालों से शराब के कारोबार में है।
इस मामले में शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा के बेटे व्यवसायी गौतम मल्होत्रा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी के कविता की ऑडिटर को भी गिरफ्तार किया गया है। ट्रायल कोर्ट ने हाल ही में दोनों को क्रमशः ईडी, सीबीआई रिमांड पर भेजा था। इसी बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हैदराबाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंतला से पूछताछ करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को भी अनुमति दे दी।
सीबीआई के अनुसार, आगे की जांच के दौरान उनकी भूमिका अन्य सह-आरोपी व्यक्तियों के साथ आपराधिक साज़िश में अनुकूल शराब नीति बनाने और उसी से अनुचित लाभ प्राप्त करने में सामने आई है। ईडी ने कहा है कि आबकारी नीति आप के शीर्ष नेताओं द्वारा बनाई गई थी
ईडी के मुताबिक मामले की अब तक की गई जांच में सामने आया है कि इस साजिश में शामिल लोकसेवकों को करीब 100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत दी गई थी और राजनीतिक लोगों के बीच इस साजिश के कारण बनी सांठगांठ के परिणामस्वरूप खजाने को क़रीब 2873 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है।
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