बीफ (गोमांस) पर बीजेपी और आरएसएस की नीति क्या है। राजस्थान, हरियाणा, यूपी में गो तस्कर बता कर युवकों की हत्याएं की जा रही हैं। लेकिन बीजेपी शासित गोवा में गोमांस होटलों में परोसा जा रहा है। वहां कोई रोक नहीं है। मेघालय, नागालैंड, केरल के होटलों में भी गोमांस परोसा जा रहा है। लेकिन मेघालय के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष
अर्नेस्ट मावरी फिर कहा है कि गोमांस खाने पर पार्टी की ओर से कोई प्रतिबंध नहीं है। मैं खुद भी बीफ खाता हूं। मावरी के बयान के बाद बीफ को लेकर फिर बीजेपी की नीति पर फिर से बहस शुरू हो गई है। तथ्यों की पड़ताल बताती है बीजेपी गोवा, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड में जो कहती है, उसके ठीक उलट हरियाणा, राजस्थान और यूपी या अन्य हिन्दी भाषी प्रदेशों में करती है।
मनोहर परिक्कर जब गोवा के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने 17 जुलाई 2017 को विधानसभा में जो बयान दिया था, उसे पढ़िए। इंडियन एक्सप्रेस में 18 जुलाई 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने (मंगलवार) को कहा कि वह यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि राज्य में गोमांस की कोई कमी नहीं हो। गोवा विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा, हमने यह सुनिश्चित करने के लिए बेलगावी (कर्नाटक में) या किसी अन्य जगह से मांस प्राप्त करने का विकल्प बंद नहीं किया है कि कोई कमी नहीं है। मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि पड़ोसी राज्यों से आने वाले बीफ की जांच की जाएगी। ताकि बढ़िया क्वॉलिटी का गोमांस परोसा जा सके।
इससे पहले जून 2017 में मनोहर परिक्कर के इस बयान पर गौर फरमाइए। उनके बयान को न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट किया था। परिक्कर ने कहा था- वध के लिए पशुओं की बिक्री पर प्रतिबंध गोवा पर लागू नहीं होता क्योंकि राज्य में कोई पशु बाजार नहीं है।
जनवरी 2018 में गोवा में चंद गोरक्षकों ने वीएचपी, बजरंग दल की आड़ में बीफ के खिलाफ प्रदर्शन किया और मांग की कि राज्य में गोमांस पर बैन लगाया जाए।
इकोनॉमिक टाइम्स में 11 जनवरी 2018 को प्रकाशित पीटीआई की खबर के मुताबिक तत्कालीन मुख्यमंत्री परिक्कर ने घोषणा की कि गौ रक्षकों पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि अगर कोई गोमांस के कानूनी आयात में हस्तक्षेप करता है तो उसे दंडित किया जाएगा। इस बयान के बाद गोवा पुलिस ने बीफ कारोबारियों को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया। पुलिस से भरोसा मिलने के बाद बीफ कारोबारियों ने अपनी चार दिवसीय हड़ताल समाप्त कर दी। पुलिस ने आश्वस्त किया वो गोवा-कर्नाटक सीमा पर कर्नाटक के बेलागवी से बीफ लेकर आने वाले डीलरों का उत्पीड़न नहीं होने देंगे।
इकोनॉमिक टाइम्स की उस रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में बेलगावी से रोजाना 25 टन गोमांस गोवा आता था और होटलों में सप्लाई होता था। कर्नाटक में अभी बीजेपी की सरकार है। बेलगवी कर्नाटक में आता है।
मौजूदा सीएम प्रमोद सावंत क्या कहते हैं
ऐसा नहीं है कि गोवा में मुख्यमंत्री बदलने के बाद वहां की बीजेपी सरकार की नीति बदल गई। मौजूद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत बीफ की सप्लाई को ठीकठाक रखने के लिए पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते रहते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने 22 दिसंबर 2022 को अपनी रिपोर्ट में ऐसी ही एक बैठक का जिक्र किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की उस खबर के मुताबिक सीएम प्रमोद सावंत ने कहा - मैंने विभागीय अफसरों के साथ बैठक की है। राज्य में बीफ की कमी नहीं होने दी जाएगी। चूंकि कर्नाटक से बहुत कम बीफ की सप्लाई हो रही थी। इसलिए गोवा के कुछ डीलर दिल्ली से बीफ लाने चले गए, कुछ केरल से बीफ मंगाने की कोशिश कर रहे हैं। (यहां यह बताना जरूरी है कि दिल्ली के फाइव स्टार होटलों में बीफ परोसा जाता है। दिल्ली में बीफ की सप्लाई मेवात (हरियाणा-राजस्थान) से होती है। इसी तरह केरल में गोमांस पर कोई रोक नहीं है।)
गोवा के मौजूदा सीएम प्रमोद सावंत
उस बैठक में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने यह भी कहा -
“
मैं गाय की पूजा करता हूं लेकिन बतौर मुख्यमंत्री मेरी जिम्मेदारी है कि मैं राज्य के अल्पसंख्यकों का ख्याल रखूं। गोवा की 30 फीसदी अल्पसंख्यक आबादी बीफ खाती है।
-प्रमोद सावंत, सीएम, गोवा
यहां यह बताना जरूरी है कि गोवा के मुख्यमंत्री यहां अल्पसंख्यकों की जो बात कह रहे थे, उसका संबंध ईसाइयों से था। गोवा में ईसाई ज्यादा हैं। गोवा के मूल निवासी मुख्य रूप से सी फूड (समुद्री भोजन) खाते हैं, जिसमें नॉन वेज की तादाद ज्यादा होती है।
मेघालय के बीजेपी चीफ ने क्या कहा
मेघालय बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने कहा कि मेघालय में गोमांस खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है और वह भी धड़ल्ले से गोमांस खाते हैं।
एएनआई से बात करते हुए, अर्नेस्ट मावरी ने कहा, मैं बाकी राज्यों में पार्टी द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव पर बयान नहीं दे सकता। हम मेघालय में हैं, यहां हर कोई गोमांस खाता है और कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा -
“
हां, मैं भी गोमांस खाता हूं। इसमें कोई प्रतिबंध नहीं है। मेघालय के लोगों की जीवन शैली है, इसे कोई नहीं रोक सकता। भारत में भी ऐसा कोई नियम नहीं है। कुछ राज्यों ने कुछ अधिनियम पारित किए हैं। मेघालय में हमारे पास बूचड़खाने हैं, हर कोई एक गाय या सुअर ले जाता है।
-अर्नेस्ट मावरी, अध्यक्ष, मेघालय प्रदेश बीजेपी, 23 फरवरी 2023 को सोर्सः एएनआई
ऐसे समय में जब असम, हरियाणा, यूपी, एमपी जैसे बीजेपी शासित राज्यों ने पशु वध, परिवहन और गोमांस की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए विधेयक पारित किया जा चुका है। असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा, जो नॉर्थ ईस्ट में बीजेपी का चेहरा हैं, असम के लोगों से बीफ प्रतिबंधित करने की अपील कर रहे हैं। लेकिन सरमा की हिम्मत नहीं है कि वो मेघालय में बीफ न खाने की अपील कर सकें।
अर्नेस्ट मावरी, मेघालय बीजेपी चीफ
कुछ राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए कि बीजेपी एक ईसाई विरोधी पार्टी है, मेघालय बीजेपी प्रमुख मावरी ने कहा कि यह सिर्फ "राजनीतिक प्रचार" है। अब देश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के नौ साल हो रहे हैं और देश में किसी भी चर्च पर हमला या निशाना नहीं बनाया गया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी एक ईसाई विरोधी पार्टी है, सिर्फ चुनाव प्रचार में वो बीफ पर रोक नहीं लगाने की बात करती है। हम मेघालय में हैं - एक ईसाई बहुल राज्य, और हर कोई चर्च जाता है।
मेघालय बीजेपी चीफ ने कहा कि गोवा में भी बीजेपी का शासन है और एक भी चर्च को निशाना नहीं बनाया गया है। नागालैंड के साथ भी ऐसा ही है। यह सिर्फ कुछ राजनीतिक दलों विशेष रूप से कांग्रेस, टीएमसी और यहां तक कि राज्य में कुछ सहयोगी दलों द्वारा किया गया राजनीतिक प्रचार है। यह सच नहीं है। मैं भी एक ईसाई हूं और उन्होंने मुझे चर्च नहीं जाने के लिए कभी नहीं रोका।
बता दें कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा में चर्च पर हमले हुए हैं। तीन दिन पहले ईसाइयों ने इन हमलों के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया था।
मेघालय में विधानसभा चुनाव 27 फरवरी को होने जा रहे हैं।
हरियाणा में क्या हुआ था
राजस्थान के भरतपुर से दो मुस्लिम युवकों का अपहरण कर उन्हें हरियाणा में जिन्दा जलाकर मार डाला गया। भिवानी हत्याकांड के नाम से मशहूर इस मामले में कथित गोरक्षक दलों पर हत्या का आरोप है। इस मामले में एक आरोपी गिरफ्तार भी किया गया है। मोनू मानेसर जिसे पहले इस घटना का मुख्य आरोपी बताया गया था, उस पर राजस्थान और हरियाणा पुलिस ने चुप्पी साध ली है। इस संबंध में राजस्थान पुलिस को हरियाणा के हिन्दू संगठनों ने मोनू मानेसर की गिरफ्तारी होने पर हाथ-पैर तोड़ने की धमकी दी थी। बाद में हरियाणा पुलिस ने राजस्थान पुलिस के खिलाफ इस मामले से जुड़े विवाद में एफआईआर दर्ज की। हरियाणा और राजस्थान में पहले भी गोतस्करी का आरोप लगाकर कई मुस्लिम युवकों की हत्या की जा चुकी है।
अपनी राय बतायें