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फोटो साभार: ट्विटर/@theparvezsultan

दिल्ली- यमुना का जल स्तर रिकॉर्ड स्तर पर; केंद्र हस्तक्षेप करे: सीएम

दिल्ली में अब यमुना का जल स्तर ख़तरनाक स्तर तक पहुँच गया है। ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर दोपहर 1 बजे 207.55 मीटर तक पहुँच गया। यह शहर में अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है। सुबह जल स्तर 207.25 मीटर दर्ज किया गया था। कल, यमुना नदी का जल स्तर ख़तरे के निशान को पार कर गया था। इसके साथ ही यमुना खादर, मयूर विहार जैसे क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित जगहों पर निकालने का प्रयास जारी है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि कई जगहों पर लोग रात भर फँसे रहे और उन्होंने अपने-अपने छतों पर आश्रय लिया। जल स्तर ख़तरे के निशान से ऊपर पहुँचने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिंता जताई है। 

केजरीवाल ने कहा है, 'केंद्रीय जल आयोग ने आज यमुना में 207.72 मीटर जल स्तर की भविष्यवाणी की है। दिल्ली के लिए अच्छी खबर नहीं है। दिल्ली में पिछले 2 दिनों से बारिश नहीं हुई है, हालांकि हथिनीकुंड बैराज में हरियाणा द्वारा असामान्य रूप से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का स्तर बढ़ रहा है। केंद्र से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि यमुना का स्तर और न बढ़े। उच्चतम बाढ़ स्तर 207.49 मीटर (1978 में)। वर्तमान स्तर 207.55 मीटर।'

बता दें कि उफनती नदी के कारण घरों और बाज़ारों में पानी भर गया है, जिससे लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आस-पास के कई निवासी अब अपने सामानों के साथ छत पर चले गए हैं। अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई है। 

दिल्ली में पिछले तीन दिनों में यमुना के स्तर में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। प्रशासन ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित कर दिया है और पुराने रेलवे पुल को यातायात और ट्रेन की आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। नदी तटों पर जागरूकता फैलाने और बचाव कार्य के लिए नावें तैनात की गई हैं। 

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केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने भविष्यवाणी की है कि जल स्तर और बढ़ सकता है। जो दिन में 207.57 मीटर तक पहुंच सकता है। लगातार वृद्धि के बाद पुरानी दिल्ली में अत्यधिक बाढ़ की चेतावनी दी जाएगी।

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा है कि जल स्तर में तेज वृद्धि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश और दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण हुई है। हरियाणा में लबालब भरे बांधों से छोड़े गए पानी के कारण यमुना का स्तर बढ़ गया है।

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बता दें कि दिल्ली में बाढ़ की स्थिति ऐसे समय में बनी है जब उत्तर भारत मानसून के प्रकोप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। पंजाब भी प्रभावित हुआ है और प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर जलभराव हो गया है। 

अकेले हिमाचल प्रदेश में मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 80 हो गई है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में अतिरिक्त मौतों की सूचना मिली है। मंगलवार को पूरे उत्तर भारत में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण 20 से अधिक मौतें हुईं, जिससे मरने वालों की संख्या 100 से अधिक हो गई, जबकि तीन दिनों में बारिश की गतिविधि कुछ कम हो गई। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में नदियों, खाड़ियों और नालों में बाढ़ आ गई, जिससे बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ और आवश्यक सेवाएं बाधित हुईं। कई पुल बह गए हैं। कई सरकारी इमारतें गिर गई हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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