अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच देश में कुछ सीटों पर हो रहे उपचुनाव खो से गए हैं। दिल्ली की राजेंद्र नगर सीट पर भी उप चुनाव हो रहा है और यहां 23 जून को वोट डाले जाने हैं जबकि नतीजे 26 जून को आएंगे।
इस सीट पर 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा को जीत मिली थी। लेकिन चड्ढा के राज्यसभा सांसद बनने के कारण यहां उपचुनाव कराना पड़ा है। तब राघव चड्ढा 20,000 से ज्यादा वोटों से बीजेपी के उम्मीदवार सरदार आरपी सिंह को हराकर विधायक बने थे।
आम आदमी पार्टी पर इस सीट को जीतने के लिए ज्यादा दबाव है क्योंकि यह सीट उसके नेता के इस्तीफे से खाली हुई है जबकि दिल्ली बीजेपी ने भी इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाया हुआ है।
बीजेपी और आम आदमी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने इस उपचुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार को जिताने की कोशिश की है। लेकिन पहले यह देखना होगा कि इस सीट का मिजाज कैसा है।
राजेंद्र नगर सीट दिल्ली के पॉश इलाकों की सीट मानी जाती है और यह इलाका कनॉट प्लेस से थोड़ी सी दूरी पर है। यह सीट नई दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है।
राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर 3 बड़े गांव दसघरा, टोडापुर और नारायणा आते हैं। इस सीट पर पांडव नगर, इंद्रपुरी जेजे कॉलोनी, टोडापुर बाल्मीकि मोहल्ला, दसघरा बाल्मीकि मोहल्ला आदि इलाके भी आते हैं।
राजेंद्र नगर सीट पर पंजाबी मतदाता बड़ी संख्या में हैं जबकि गांवों में जाट, यादव और राजपूत मतदाताओं की भी अच्छी संख्या है।
नारायणा इलाके में पूर्वांचली, पंजाबी, मुस्लिम, दलित और राजपूत मतदाताओं की आबादी अच्छी खासी है। इस सीट पर कई झुग्गी बस्तियां भी हैं और इनके मतदाताओं का वोट भी चुनाव में अहम होता है।
यहां बड़ी संख्या में यूपीएससी की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर भी हैं, इसलिए और करोलबाग मार्केट नजदीक होने की वजह से यह इलाका बेहद व्यस्त रहता है।
कौन हैं उम्मीदवार?
बीजेपी ने यहां से अपने बड़े नेता राजेश भाटिया को चुनाव मैदान में उतारा है तो आम आदमी पार्टी ने एमसीडी में उसके संयोजक दुर्गेश पाठक को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की ओर से पूर्व पार्षद प्रेमलता चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर जीत के लिए आम आदमी पार्टी और बीजेपी कितने गंभीर हैं, इसका पता इस बात से चलता है कि दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता इस इलाके में रोड शो और रैलियां कर चुके हैं।
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आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सांसद संजय सिंह, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और तमाम नेता प्रचार कर रहे हैं तो बीजेपी की ओर से सांसद गौतम गंभीर, राज्यसभा सांसद दुष्यंत गौतम, प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूड़ी सहित तमाम बड़े नेता पार्टी के उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में भी दिल्ली कांग्रेस के नेता आगे आए हैं। हालांकि यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही माना जा रहा है।
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स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा
बंद पड़ी नालियां, पानी का जमा होना और पीने के पानी की कमी राजेंद्र नगर विधानसभा के मुख्य मुद्दे हैं।
लेकिन बीजेपी ने यहां स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा छेड़ दिया है। बीजेपी का कहना है कि उसके उम्मीदवार इसी विधानसभा के रहने वाले हैं जबकि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बाहर से यहां आए हैं। दुर्गेश पाठक को 2020 के विधानसभा चुनाव में करावल नगर के चुनाव में हार मिली थी।
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बीजेपी का कहना है कि स्थानीय नेता ही यहां की समस्याओं को समझता है। कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल की सरकार के साथ ही केंद्र की बीजेपी की सरकार से परेशान हैं और इस बार उनकी पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिलेगी।
राजेश भाटिया साल 2012 से 2017 तक इस इलाके में निगम पार्षद रहे हैं और नॉर्थ एमसीडी में स्थाई समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाटिया दिल्ली बीजेपी के महासचिव रहे हैं और उनका लंबा राजनीतिक करियर है। वह बीजेपी में जमीनी पदों से राजनीति शुरू करते हुए करोल बाग जिला अध्यक्ष और प्रदेश महासचिव के पद तक पहुंचे।
भाटिया कहते हैं कि यह चुनाव स्थानीय बनाम बाहरी का है। उन्होंने कहा कि राघव चड्ढा दिल्ली जल बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए भी यहां पानी की समस्या को नहीं सुलझा पाये। जबकि आम आदमी पार्टी केजरीवाल सरकार के काम पर वोट मांग रही है।
कांग्रेस की उम्मीदवार प्रेमलता राजेंद्र नगर सीट के अंदर आने वाले पूसा वार्ड से 2012 में निगम पार्षद का चुनाव जीती थीं लेकिन 2017 में उन्हें इंद्रपुरी सीट से हार मिली थी।
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