जेएनयू में नक़ाबपोश गुंडों द्वारा की गई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। आइशी के अलावा 19 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज की गई है। इन पर आरोप लगाया गया है कि इन्होंने 4 जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड़ की। यह एफ़आईआर 5 जनवरी को दर्ज की गई है। 5 जनवरी को ही रात को जेएनयू में नक़ाबपोश घुसे थे और उन्होंने तीन घंटे तक क़हर मचाया था। नक़ाबपोशों ने आइशी पर जानलेवा हमला किया था जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गई थीं। सोशल मीडिया पर उनके ख़ून से लथपथ होने का वीडियो वायरल हुआ था।
Delhi Police has filed a FIR against JNUSU President Aishe Ghosh and 19 others(name not in accused column but in detail list) for attacking security guards and vandalizing server room on January 4. The complaint was filed by JNU administration. FIR was registered on January 5. pic.twitter.com/zUYZ2AOXKx
— ANI (@ANI) January 7, 2020
एफ़आईआर जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर दर्ज की गई है। जेएनयू प्रशासन ने आरोप लगाया है कि हॉस्टल की फ़ीस बढ़ने के ख़िलाफ़ जो छात्र आंदोलन कर रहे थे उन्होंने कंप्यूटर के सर्वर रूम में तोड़फोड़ की और वहां काम कर रहे तकनीकी स्टाफ़ को धमकाया और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को रोकने की कोशिश की। एफ़आईआर 3 जनवरी (शुक्रवार) को दर्ज की गई और 4 जनवरी (शनिवार) को इसमें आइशी घोष और 8 अन्य लोगों के नाम डाले गए। जेएनयू प्रशासन की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि इन्होंने सर्वर रूम के सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया और इसमें तोड़फोड़ की।
विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक़, ‘तकनीकी स्टाफ़ को शनिवार सुबह पता चला कि विश्वविद्यालय के संचार और सूचना (सीआईएस) परिसर में बने सर्वर रूम को छात्रों ने निष्क्रिय कर दिया था। स्टाफ़ ने इसे सही कर दिया था लेकिन कुछ असामाजिक लोग दिन में 1 बजे सर्वर रूम में आए और पूरे सिस्टम को फिर से क्षतिग्रस्त कर दिया। शाम को 4 बजे सर्वर फिर से ठीक किये गये।’
जेएनयू प्रशासन का दावा है कि सर्वर रूम में हुई तोड़फोड़ की घटना हॉस्टल फ़ीस में बढ़ोतरी को लेकर छात्रों और विश्वविद्यालय के बीच चल रहे विवाद से जुड़ी है। विश्वविद्यालय की ओर से यह भी दावा किया गया है कि रविवार को जो हिंसा हुई है, वह भी सर्वर पर हमले की घटना से जुड़ी है।
आइशी घोष का कहना है कि जेएनयू छात्रसंघ फ़ीस बढ़ने के मुद्दे को सुलझाने के लिए संघर्ष कर रहा था। उन्होंने कहा कि जेएनयू टीचर्स फ़ेडरेशन ने इस मुद्दे पर चल रहे आंदोलन के दौरान हमें धमकी दी थी। जबकि हम इस मुद्दे को शांति से सुलझाना चाहते थे।
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