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मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाने के मुद्दे पर एमसीडी में हुए हंगामे को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं। हंगामे को लेकर दिल्ली बीजेपी के सांसदों के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी पलटवार किया और कहा कि बीजेपी की कोशिश मेयर के चुनाव में मनोनीत पार्षदों से वोट डलवाने की है।
आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एमसीडी के तीनों नगर निगमों के एकीकरण का मामला हो, वार्डों का परिसीमन करना हो या गुजरात के विधानसभा चुनाव के साथ ही एमसीडी के चुनाव करवाना हो, इन सब पैंतरों के बावजूद दिल्ली की जनता ने बीजेपी को एमसीडी से निकाल कर बाहर फेंक दिया है।
आतिशी मार्लेना ने कहा कि बावजूद इसके बीजेपी एमसीडी में बैक डोर से एंट्री करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहे जीते या हारे, वह किसी भी गैर कानूनी तरीके से सरकार बनाने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि एमसीडी में गैर कानूनी तरीके से पार्षदों को मनोनीत किया गया।
आतिशी मार्लेना ने कहा कि एमसीडी में मुकेश गोयल सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं लेकिन उन्हें पीठासीन अधिकारी ना बनाकर बीजेपी की पार्षद को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया। बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के द्वारा बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाया गया है।
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यह परंपरा रही है कि सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर या पीठासीन अधिकारी चुना जाता है लेकिन बीजेपी सभी लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है।
अतिशी मार्लेना ने कहा कि साल 2015 में मनोनीत पार्षद हाई कोर्ट गए थे कि उन्हें वोटिंग का अधिकार मिलना चाहिए। लेकिन हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि मनोनीत पार्षदों को वोट डालने का अधिकार नहीं है और दिल्ली नगर निगम का एक्ट भी यही कहता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी संविधान को ताक पर रखकर मनोनीत पार्षदों से वोटिंग करवाकर सदन में बहुमत लाना चाहती है।
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल इस बात का निर्देश दें कि मनोनीत पार्षद मेयर के चुनाव में वोट नहीं देंगे और बीजेपी को भी यह साफ कहना चाहिए कि मनोनीत पार्षद मेयर के चुनाव में वोट नहीं देंगे लेकिन बीजेपी के मन में बेईमानी है इसलिए वह यह बात नहीं कहेगी। उन्होंने मांग की कि एमसीडी के आयुक्त को एक लिखित आदेश जारी करना चाहिए कि मनोनीत पार्षद एमसीडी के चुनाव में मतदान नहीं करेंगे।
इससे पहले दिल्ली में बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, केंद्रीय मंत्री और सांसद मीनाक्षी लेखी इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए उतरे और कहा कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सदन में गुंडागर्दी की।
बीजेपी ने अपनी महिला पार्षदों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने बुलाया और बताया कि सदन में हुए हंगामें में उन्हें चोट पहुंची है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने शराब पी हुई थी।
एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी और 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई थी।
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