दिल्ली जल बोर्ड में 20 करोड़ के कथित स्कैम को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जांच का आदेश दिया है और साथ ही एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। जिस समय का यह स्कैम है, मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उस समय दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष थे। एलजी दफ्तर के सूत्रों के हवाले से पीटीआई न्यूज एजेंसी ने यह खबर दी है।
दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की सरकार जल बोर्ड में हुए कथित 20 करोड़ रुपये के स्कैम को लेकर 2019 से घिरी हुई है।
पीटीआई के मुताबिक उपराज्यपाल सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी से मामले की जांच का आदेश देते हुए 15 दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। एलजी ने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों, एक बैंक और एक निजी कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
सक्सेना ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से उन अधिकारियों की पहचान करने और कार्रवाई करने को कहा है, जो इस कथित घोटाले में शामिल हैं।
आरोप है कि पिछले कई वर्षों में, दिल्ली जल बोर्ड ने कथित तौर पर आधिकारिक खाते के बजाय निजी बैंक खातों में पानी के बिल के रूप में एकत्र किए गए 20 करोड़ रुपये जमा किए। पीटीआई के मुताबिक यह मामला पहली बार 2019 में सामने आया था।
एलजी वीके सक्सेना ने मई 2022 में दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में पदभार संभाला है, केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार के साथ उनका कई बार टकराव हुआ है। उन्होंने सरकार की नई शराब नीति, बसों की खरीद और दिल्ली के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को वेतन भुगतान की जांच के आदेश दिए हैं।
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल पर 2016 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष रहते हुए 1400 करोड़ रुपये के नोटों को बदलने का आरोप लगाया है। नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू हुई थी।
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