जी20 शिखर सम्मेलन के लिए होटलों में सुरक्षा की अप्रत्याशित व्यवस्था है। हथियार, गोला-बारूद और ऐसे ही साजो सामान का बड़ा जखीरा होगा। एक 'शास्त्रागार' की तरह। गोलियों के अलावा इन शस्त्रागारों में सैनिकों के लिए भरी हुई मैगजीन, चिकित्सा आपूर्ति, स्टन और स्मोक ग्रेनेड, वायरलेस सेट चार्जर, यहां तक कि बैकअप हथियार भी होंगे। इतना बड़ा जखीरा होगा कि आतंकवादी हमले की स्थिति में भी हथियार गोला-बारूद कम न पड़ें। सवाल है कि आख़िर इतनी बड़ी तैयारी क्यों?
दरअसल, यह तैयारी है जी20 शिखर सम्मेलन के लिए। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवादी हमले की स्थिति में गोला-बारूद की किसी भी कमी से बचने के लिए खुफिया एजेंसियों ने शहर के होटलों में विशेष 'शस्त्रागार' स्थापित किए हैं। इससे कमांडो को ऑपरेशन के दौरान गोलियों और अन्य साजो-सामान की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी।
जी20 शिखर सम्मेलन के लिए इतने बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है क्योंकि इसमें जो बाइडेन जैसे दुनिया भर के शीर्ष नेतृत्व दिल्ली में इकट्ठा हो रहे हैं। इस आयोजन के लिए बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होगी। भारी, मध्यम और हल्के मालवाहक वाहनों को आज रात 9 बजे से रविवार आधी रात तक दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। शनिवार सुबह 5 बजे से टैक्सियों और ऑटो पर भी यही प्रतिबंध लागू होंगे।
दिल्ली सरकार की एक गजट अधिसूचना में कहा गया है कि नई दिल्ली जिले के पूरे क्षेत्र को कल सुबह से रविवार तक 'नियंत्रित क्षेत्र' माना जाएगा। केवल वास्तविक निवासियों, अधिकृत वाहनों और जिले में होटल, अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के लिए हाउसकीपिंग, खानपान, कचरा प्रबंधन जैसी सेवाओं में शामिल वाहनों को इंडिया गेट, सी-हेक्सागन और ऐसे अन्य क्षेत्रों में जाने की अनुमति दी जाएगी।
कहा जा रहा है कि होटलों में 'शस्त्रागार' की व्यवस्था इसलिए की जा रही है क्योंकि मुंबई में 26/11 के आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के दौरान गोलियों की कमी और ख़राब गोला-बारूद की दिक्कतें आई थीं।
टीओआई ने एक खुफिया अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट दी है, '2008 में मुंबई में आतंकवादी हमलों के बाद दिग्गजों द्वारा दिए गए कई सुझावों को जी20 शिखर सम्मेलन को सुरक्षित करने के लिए शामिल किया गया है। ज्यादातर उपाय किसी भी अनपेक्षित स्थिति से निपटने के लिए हैं।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे शस्त्रागार स्थापित करने का विचार कुछ महीने पहले लुटियंस दिल्ली में एक सुरक्षा तैयारी बैठक के दौरान रखा गया था। एक खुफिया अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह निर्णय लिया गया कि कमांडो के लिए बैकअप के रूप में एक सही सप्लाई चेन बनाए रखी जाएगी। यदि कोई हमला होता है, तो सप्लाई टीम ज़रूरी चीजों के साथ मुख्य टीम के पीछे जाएगी। उन्हें आपूर्ति के लिए वापस भागना नहीं पड़ेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऑपरेशन बिना किसी गड़बड़ी या बाधा के पूरा हो जाए।'
सुरक्षा एजेंसियों ने आसपास उड़ान भरने वाले किसी भी मानव रहित किसी ऑबजेक्ट को नीचे गिराने के लिए सभी होटलों की छत पर ड्रोन-विरोधी सिस्टम लगाए हैं। शिखर बैठक के दौरान प्रगति मैदान को नो-फ्लाई जोन घोषित किए जाने की संभावना है।
शहर के कम से कम 16 होटल ऐसे हैं जो राष्ट्राध्यक्षों सहित आने वाले गणमान्य व्यक्तियों की मेजबानी करेंगे। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार इनकी सुरक्षा के लिए घुसपैठ की चेतावनी वाले एडवांस सिस्टम और हावभाव पहचानने वाले तंत्र का उपयोग करने से लेकर डिप्टी कमिश्नर-रैंक के पुलिस अधिकारियों को कमांडरों के रूप में तैनात करने तक के फ़ैसले लिए गए हैं। आयोजन स्थल के कमांडर इंटेलिजेंस ब्यूरो और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के अधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे और वे विदेशी सुरक्षा टीम के सदस्यों के साथ भी संपर्क में रहेंगे।
होटल स्टाफ का सत्यापन कई दौर में किया गया है। होटल की प्रत्येक मंजिल के लिए कर्मचारियों का एक अलग समूह होगा और उनकी आवाजाही हर समय उस मंजिल तक ही सीमित रहेगी। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि सुरक्षाकर्मियों को केवल स्पष्ट रूप से पहचाने जाने वाले कर्मचारियों से ही सामना हो। ऐसे की बड़े स्तर पर सुरक्षा की तैयारी की गई है।
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