अदालतों, दिल्ली सरकार और आम लोगों की बार-बार शिकायतें करने व चिंता जताने के बावजूद निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज़ों से अनाप-शनाप पैसे वसूलने का खेल जारी है। अब तो एक अस्पताल ने इलाज के चार्ज के बारे में एक सर्कुलर भी जारी कर दिया। इलाज के लिए जो पैसे तय किए गए हैं वे चौंकाने वाले हैं। उस सर्कुलर के अनुसार, कोरोना इलाज के लिए कम से कम 3 लाख रुपये लगेंगे, लेकिन अस्पताल में तभी भर्ती लेंगे जब आप कम से कम 4 लाख रुपये एडवांस में जमा कराएँगे।
यह सर्कुलर सरोज सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और सरोज मेडिकल इंस्टिट्युट रोहिणी द्वारा 4 जून को जारी किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि यह सर्कुलर प्रबंधन की ओर से तुरंत प्रभाव से लागू करने के लिए जारी किया गया है। इस अस्पताल को कोरोना वायरस के मरीज़ों के इलाज के लिए चुना गया है। इस सर्कुलर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल ने कहा है कि बीती हुई तारीख़ के सर्कुलर को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है और अस्पताल द्वारा उतना नहीं वसूला जा रहा है जितना कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल सर्कुलर में इलाज के लिए अलग-अलग पैकेजों के बारे में बताया गया है। इसमें कहा गया है कि पहली श्रेणी में दो/तीन बेड वाले रूम में भर्ती के लिए 40 हज़ार प्रति दिन का पैकेज है। दूसरी श्रेणी में सिंगल और निजी श्रेणी की सेवाओं के लिए 50 हज़ार प्रति दिन का पैकेज है। तीसरी श्रेणी में आईसीयू वाली सुविधा के साथ 75 हज़ार प्रति दिन का पैकेज है। चौथी श्रेणी में आईसीयू के साथ वेंटिलेटर की सुविधा के लिए प्रति दिन 1 लाख रुपये का पैकेज है।
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सर्कुलर में साफ़-साफ़ लिखा है कि कोरोना के इलाज के लिए कम से कम तीन लाख रुपये लगेंगे। इसका मतलब साफ़ है कि यदि कोरोना मरीज़ को एक या दो दिन भी अस्पताल में रखा गया तो भी कम से कम 3 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। यदि हर रोज़ के हिसाब से चार्ज 3 लाख से ज़्यादा होते हैं तो ज़्यादा रुपये देने होंगे।
इसी सर्कुलर में कोरोना मरीज़ों पर यह भी शर्त थोपी गई है कि मरीज़ को भर्ती करने से पहले एडवांस में रुपये जमा करने होंगे। पैकेज के हिसाब से एडवांस में रुपये जमा करने को कहा गया है। दो/तीन बेड वाली पहली श्रेणी के लिए 4 लाख रुपये, सिंगल रूम वाली श्रेणी के लिए 5 लाख रुपये और आईसीयू बेड वाली श्रेणी के लिए 8 लाख रुपये एडवांस जमा करने पर भी मरीज़ को भर्ती लिया जाएगा।
सर्कुलर में कहा गया है कि उन पैकेजों में ही रहने, खाने, डॉक्टरी जाँच, दवाइयों और दूसरे खर्च शामिल हैं। लेकिन सर्कुलर में ही यह भी साफ़ कहा गया है कि इस पैकेज में दूसरी विशेष जाँच और इलाज के चार्ज शामिल नहीं हैं।
सरोज सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की ओर से फ़ेसबुक पर बयान जारी कर कहा गया है कि बीती हुई तारीख़ के सर्कुलर को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इसने कहा, 'हम यह साफ़ करते हैं कि कोरोना वायरस मरीज़ों को भर्ती करना 8 जून 2020 के बाद ही शुरू किया गया है। 6 जून को दिल्ली सरकार द्वारा घोषित इलाज के संशोधित चार्ज के अनुसार ही मरीज़ों से रुपये वसूले जा रहे हैं।' इसने यह भी दावा किया है कि अस्पताल 1900 रुपये से कम रुपये पर प्रति दिन के पैकेज पर इलाज कर रहा है।
'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि यह दर मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार के पास भेजी गई थी। उन्होंने स्वीकार किया कि वह सर्कुलर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 6 जून को चेतावनी दी थी कि यदि निजी अस्पताल ज़्यादा रुपये वसूलेंगे तो उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। तब केजरीवाल ने कहा, 'झूठी इनकार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और कोरोना वायरस रोगियों को भर्ती करने से समझौता नहीं किया जाएग... कुछ निजी अस्पताल हैं जो इस तरह के साधनों का सहारा ले रहे हैं। पहले वे कहते हैं कि उनके पास बेड नहीं है और जब मरीज़ ज़ोर देते हैं, तो वे एक बड़ी राशि की माँग करते हैं। क्या यह बिस्तरों की कालाबाजारी नहीं है?'
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इसलिए आलोचना की है क्योंकि उन्होंने कोरोना वायरस मरीज़ों को भर्ती नहीं करने और बेड की ‘ब्लैक मार्केटिंग’ करने पर सख़्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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