loader

एमसीडी स्थायी समिति के दोबारा चुनाव पर रोकः कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों के फिर से चुनाव पर रोक लगा दी।

यह फैसला मौजूदा चुनाव प्रक्रिया को वैध घोषित करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करने के बाद आया है। बीजेपी पार्षदों की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मेयर शैली ओबेरॉय को नोटिस जारी किया है।

ताजा ख़बरें

कोर्ट ने मेयर से स्थायी समिति के मतदान के संबंध में बैलेट पेपर, सीसीटीवी फुटेज और उपलब्ध अन्य जानकारी को सुरक्षित रखने को कहा है।

बीजेपी ने शनिवार को दावा किया कि एक दिन पहले तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा की गई गणना के आधार पर बीजेपी आप के तीन-तीन उम्मीदवारों को एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के रूप में "निर्वाचित" किया जाना था और मेयर को इस नतीजे को स्वीकार करना चाहिए और इसकी घोषणा करना चाहिए।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष, वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव करने के लिए मेयर शैली ओबेरॉय द्वारा फिर से चुनाव कराने का आह्वान "अलोकतांत्रिक" और "असंवैधानिक" था।
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा, '24 फरवरी को हुए चुनाव में एक वोट अवैध था लेकिन बीजेपी कहती रही कि वोट वैध है। इस वजह से मतगणना की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।

मेयर शैली ओबरॉय ने कहा - विशेषज्ञ द्वारा नतीजे की घोषणा भी अमान्य थी क्योंकि उन्हें मेरी सहायता करनी थी और नतीजा घोषित नहीं करना था। अधिनियम के अनुसार, फॉर्म 4 भरने के बाद केवल पीठासीन अधिकारी ही परिणाम घोषित कर सकता है। मैंने कोई फॉर्म नहीं भरा था, इसलिए किसी और को रिजल्ट घोषित नहीं करना था। मैं पुलिस के पास गई और 3 एफआईआर दर्ज कराई है।
इससे पहले शुक्रवार को, बीजेपी और आप के पार्षदों के बीच ताजा झड़पों से नगर निगम हाउस चलने के कुछ घंटों बाद, दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने घोषणा की कि अब चुनाव 27 फरवरी को होंगे और तब तक के लिए सदन स्थगित रहेगा।

दिल्ली से और खबरें

क्यों महत्वपूर्ण है स्टैंडिंग कमेटी

एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी या स्थायी समिति सबसे पावरफुल होती है। मेयर इस समिति के फैसलों के हिसाब से एमसीडी को चलाते हैं या नीतिगत फैसलों की घोषणा करते हैं। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच इस कमेटी में अपना वर्चस्व स्थापित करने की जंग चल रही है। बुधवार को मेयर चुने जाने के बाद ही शाम से इस पर गतिरोध बनना शुरू हो गया था। बुधवार पूरी रात और गुरुवार को दोनों तरफ से पार्षद लड़ते रहे। शुक्रवार को भी लात-घूंसे चले। एक पार्षद अशोक मनु बेहोश हो गए, उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। उसी हंगामे के दौरान मेयर ने 27 फरवरी को दोबारा मतदान कराने की घोषणा कर दी। लेकिन बीजेपी के मुताबिक यह चुनाव हो चुका है और दोबारा चुनाव नहीं कराया जा सकता।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें