loader
मुख्यमंत्री आतिशी के साथ पूर्व सीएम केजरीवाल

सीएजी रिपोर्ट में देरी के लिए दिल्ली सरकार को कोर्ट की फटकार

रद्द की जा चुकी दिल्ली की शराब नीति को लेकर पिछले हफ्ते महालेखा परीक्षक और नियंत्रक (सीएजी) की रिपोर्ट लीक की गई। सोमवार को यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट भी जा पहुंचा। कोर्ट ने पहले तो सख्त टिप्पणियां कीं और मामले की दोबार सुनवाई दोपहर बाद फिर रख दी है। दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम पर है। बीजेपी, आप और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में इस रिपोर्ट के मामले का भी विवाद खड़ा हो गया। 
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को सीएजी रिपोर्ट को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा कि सरकार ने विधानसभा सत्र को रोकने के लिए "अपने पैर पीछे खींच लिए"। अदालत ने कहा, "जिस तरह से आपने अपने पैर खींचे हैं, उससे आपकी प्रामाणिकता पर संदेह पैदा होता है। आपको तुरंत रिपोर्ट अध्यक्ष को भेजनी चाहिए थी और सदन में चर्चा शुरू करानी चाहिए थी।"
इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सीएजी रिपोर्ट भेजने में देरी और जिस तरह से सरकार ने इस मामले को संभाला, उससे "आम आदमी पार्टी की विश्वसनीयता पर संदेह" पैदा होता है। कोर्ट के जवाब में आप सरकार ने सवाल उठाया कि इतने करीब चुनाव होने पर विधानसभा सत्र कैसे बुलाया जा सकता है। अदालत ने 2.30 बजे इस मामले की सुनवाई फिर से करने का फैसला किया है।

ताजा ख़बरें
पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने कोर्ट को बताया था कि सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि उसका कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है। यह बयान सात भाजपा विधायकों द्वारा विधानसभा में कैग रिपोर्ट पेश करने की मांग को लेकर दायर याचिका के जवाब में दिया गया था।
कैग रिपोर्ट को लेकर पूरी राजनीति अब इसी के साथ चरम पर जा पहुंची है। पिछले हफ्ते जब कैग रिपोर्ट मीडिया को लीक की गई तो आप का जवाब था कि वो रिपोर्ट किसने पढ़ी है, कहां है। यानी आप ने उससे अनभिज्ञता जता दी थी। लेकिन मीडिया में कैग रिपोर्ट पर जबरदस्त कवरेज हुई और बताया गया कि अरविन्द केजरीवाल के बतौर सीएम रहते हुए सरकारी राजस्व को कितना नुकसान पहुंचा।
सीएजी की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी शराब नीति को लागू करने में कथित अनियमितताओं के कारण सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई है। यह रिपोर्ट अभी तक विधानसभा में नहीं रखी गई है। विधानसभा में रखने के बाद ही यह सार्वजनिक होती है। उपराज्यपाल के पास भी इस रिपोर्ट की एक प्रति आती है। इंडिया टुडे का दावा है कि इस लीक हुई CAG रिपोर्ट को उसने देखा और पढ़ा है। यह रिपोर्ट शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी करने में महत्वपूर्ण खामियों, नीतिगत उल्लंघनों को उजागर करती है।
इंडिया टुडे के मुताबिक सीएजी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि नीति अपने टारगेट को प्राप्त करने में विफल रही और AAP नेताओं को कथित तौर पर रिश्वत से लाभ हुआ। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया था।
कथित रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2021 में पेश की गई शराब नीति का मकसद दिल्ली में रिटेल में शराब बेचने का नेटवर्क फिर से खड़ा करना और अधिकतम राजस्व कमाना था। हालाँकि, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के कारण ईडी और सीबीआई ने जांच की। तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह सहित AAP के कई शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार किया गया। हालाँकि, उन्हें पिछले साल जमानत दे दी गई थी।
सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक सभी संस्थाओं को शिकायतों के बावजूद बोली लगाने की अनुमति दी गई थी, और बोलीदाताओं की वित्तीय स्थितियों की जांच नहीं की गई थी। इसमें कहा गया है कि घाटे की रिपोर्ट करने वाली संस्थाओं को लाइसेंस दिए गए या नवीनीकृत भी किए गए। इसके अतिरिक्त, सीएजी ने पाया कि उल्लंघनकर्ताओं को जानबूझकर दंडित नहीं किया गया। इसने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि नीति से संबंधित प्रमुख निर्णय कैबिनेट की मंजूरी या उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना लिए गए थे। इसके अलावा, आधिकारिक प्रक्रिया के विपरीत, नए नियमों को विधानसभा में भी पेश नहीं किया गया।
सीएजी ने नई नीति को लागू करने की प्रक्रिया में भी खामियाँ निकालीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां कुछ रिटेल विक्रेताओं ने पॉलिसी की समाप्ति तक अपने लाइसेंस बरकरार रखे, वहीं कुछ ने अवधि समाप्त होने से पहले उन्हें सरेंडर कर दिया। चूंकि सरेंडर किए गए खुदरा लाइसेंसों का दोबारा टेंडर नहीं किया गया, इसलिए सरकार को 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
इसके अलावा, जोनल लाइसेंसधारियों को दी गई छूट से 941 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान हुआ। इसके अतिरिक्त, कोविड प्रतिबंधों के बहाने जोनल लाइसेंसधारियों के लिए लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ रुपये माफ कर दिए गए। सीएजी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नीति योजना का हिस्सा होने के बावजूद गुणवत्ता नियंत्रण के लिए बुनियादी ढांचे, जैसे प्रयोगशालाएं और बैच परीक्षण सुविधाएं, कभी स्थापित नहीं की गईं।
दिल्ली से और खबरें
सीएजी रिपोर्ट के वायरल होते ही बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अरविंद केजरीवाल को 'शराबगेट का किंगपिन' कहा। ठाकुर ने कहा, "आप ने स्कूलों का वादा किया था, लेकिन उसकी जगह शराब की दुकानें बना दीं। उन्होंने झाड़ू और स्वच्छ शासन की बात की, लेकिन 'स्वराज' से 'शराब' की ओर बढ़ गए। उनकी 10 साल की यात्रा घोटालों से भरी है।" कुल मिलाकर कैग रिपोर्ट पर जबरदस्त राजनीति हो रही है। आप सरकार रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करना चाहती, क्योंकि विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। जबकि बीजेपी और कांग्रेस इस रिपोर्ट में लगे आरोपों की आड़ में आप के खिलाफ मौका तलाश रहे हैं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें