केजरीवाल सरकार के द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति को लेकर राजधानी की सियासत में घमासान छिड़ा हुआ है। दिल्ली बीजेपी ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन किया तो वहीं, कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया।
बता दें कि दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। उप राज्यपाल ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर उनकी मंजूरी के बिना लाइसेंसधारियों को लाभ फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था। जबकि आम आदमी पार्टी ने कहा है कि केंद्र सरकार नई आबकारी नीति में रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी ने कहा है कि नई शराब नीति के नाम पर हजारों करोड़ रुपये के घोटाले के बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। प्रदर्शन में दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे।
दिल्ली सरकार के तर्क
दिल्ली सरकार ने पिछले साल नवंबर में नई आबकारी नीति को सामने रखा था। नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार का तर्क था कि दिल्ली में 849 शराब की दुकानों में से 60 फ़ीसदी दुकानें सरकार की हैं और ये दुकानें निजी दुकानों के मुक़ाबले सरकार को बहुत कम टैक्स देती हैं। सरकार का कहना था कि दिल्ली में शराब माफ़िया की जबरदस्त पकड़ है और सरकार की 849 दुकानों के अलावा 2 हज़ार दुकानें शराब माफिया चलाते हैं। ये दुकानें घरों-गोदामों से चलती हैं।
सरकार का कहना था कि सरकारी दुकानों में टैक्स चोरी से लेकर तमाम तरह की गड़बड़ियां हैं और बड़े पैमाने पर राजस्व की चोरी हो रही है।
सरकार ने कहा था कि नई शराब नीति का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में शराब माफ़ियाओं पर शिकंजा कसना और शराब की बिक्री से दिल्ली सरकार का राजस्व बढ़ाना है। सरकार का दावा था कि इससे अवैध शराब का कारोबार ख़त्म हो जाएगा।
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