लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद दिल्ली में कांग्रेस को कुछ जान मिलती दिखाई दे रही थी लेकिन अब जो कुछ हो रहा है, उससे लगता है कि कांग्रेसी ख़ुद ही कांग्रेस का गला घोंटने पर उतारू हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सात में से पाँच सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी जबकि 2014 के चुनावों में वह सातों सीटों पर तीसरे नंबर पर आई थी। इस बार विधानसभा की 70 में से 5 सीटों पर कांग्रेस को लीड मिली थी और 65 पर बीजेपी को; यानी विधानसभा सीटों के हिसाब से ग़िनती की जाए तो भी कांग्रेस नंबर दो पर थी और आम आदमी पार्टी (आप) नंबर तीन पर। थोड़ी सी ऊर्जा मिलने के बाद कांग्रेसी हसीन सपने देखने लगे थे कि अगले साल के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस दिल्ली की राजनीति में वापसी कर सकती है। लेकिन अब दिल्ली कांग्रेस में जो कुछ हो रहा है, उससे कांग्रेसियों की उम्मीदें पूरी होना मुश्किल लग रहा है।
क्या किसी साज़िश का शिकार बन रही है दिल्ली कांग्रेस?
- दिल्ली
- |
- |
- 19 Jul, 2019

विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने का वक़्त रह गया है लेकिन दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित और प्रभारी पीसी चाको खुलकर एक-दूसरे के ख़िलाफ़ खड़े दिखाई दे रहे हैं।