दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने आज ही दिल्ली आबकारी नीति मामले में उन्हें जमानत दे दी है। केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश के बीच जेल परिसर से बाहर निकले। उनका स्वागत करने के लिए उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और मनीष सिसोदिया, आतिशी, संजय सिंह, भगवंत मान और अन्य वरिष्ठ आप नेता बारिश में इतज़ार करते रहे। बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी थे। जेल से निकलने के बाद समर्थकों ने आतिशबाजी की।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'बारिश में मेरा इंतजार करने के लिए आप सभी का धन्यवाद। उन्होंने मुझे जेल में डाल दिया, उन्हें लगा कि केजरीवाल को सलाखों के पीछे डालने से उनका मनोबल टूट जाएगा। आज मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आ गया हूं। मेरा मनोबल 100 गुना बढ़ गया है। मेरी ताकत 100 गुना बढ़ गई है।'
साज़िश पर सत्य की जीत हुई। तिहाड़ जेल से बाहर आए CM @ArvindKejriwal। LIVE https://t.co/jjRpRDUiEh
— AAP (@AamAadmiParty) September 13, 2024
केजरीवाल ने कहा, 'मेरा जीवन देश को समर्पित है। मेरे जीवन का हर पल, खून की हर बूंद देश को समर्पित है। मैंने जीवन में बहुत संघर्ष देखा है, बहुत कठिनाइयों का सामना किया है, लेकिन भगवान ने हर कदम पर मेरा साथ दिया है क्योंकि मैं सच्चा और ईमानदार था।' आप प्रमुख ने यह भी कहा कि भगवान ने उनका साथ दिया क्योंकि वह ईमानदार और सही थे।
आप प्रमुख ने कार की सनरूफ पर खड़े होकर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उनके समर्थक 'जेल के ताले टूट गए, केजरीवाल छूट गए' के नारे लगा रहे थे।
दिल्ली आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को आज ही यानी शुक्रवार सुबह जमानत मिली है। उनको जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के समय और तरीके पर सवाल उठाए हैं। सीबीआई द्वारा जाँच में असहयोग किए जाने का आरोप लगाने पर पीठ ने कहा, 'असहयोग का मतलब आत्म-दोषारोपण नहीं हो सकता, और इसलिए इस आधार पर सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी अस्वीकार्य थी।' जस्टिस भुइयां ने कहा,
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जमानत नियम है, और जेल अपवाद। सभी अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अभियोजन और मुकदमे की प्रक्रिया अपने आप में सज़ा का रूप न बन जाए।
जस्टिस भुइयां, सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस भुइयाँ ने कहा कि 'यह केवल ट्रायल कोर्ट द्वारा ईडी केस में अपीलकर्ता को नियमित रूप से जमानत देने के बाद पता चलता है कि सीबीआई सक्रिय हो गयी और हिरासत की मांग की। 22 महीनों से अधिक समय तक गिरफ्तारी की ज़रूरत महसूस नहीं हुई थी। इस तरह की कार्रवाई से गिरफ्तारी पर गंभीर सवाल उठता है।'
उन्होंने कहा, "सीबीआई को यह तय करना चाहिए कि उसे 'पिंजरे में बंद तोता' होने की धारणा से बाहर निकलना होगा। इसे ऊपर होना चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री के गोलमोल जवाबों का हवाला देते हुए सीबीआई गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती और हिरासत में रखना जारी नहीं रख सकती।"
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के सिलसिले में 21 मार्च 2024 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। 26 जून, 2024 को उनको सीबीआई ने तब गिरफ्तार कर लिया था जब वह इसी मामले में ईडी की हिरासत में थे।
दिल्ली आबकारी नीति मामले में आप नेताओं- मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर और भारत राष्ट्र समिति की के. कविता पहले ही जेल से बाहर आ गए हैं।
बता दें कि इन अधिकतर मामलों में देखा गया है कि जमानत मिलने की वजह मुख्य तौर पर जाँच को पूरा करने में देरी, जमानत का नियम और जेल अपवाद होना, अभियोजन पक्ष का विरोध नहीं, और कानून की 'गलत' व्याख्या शामिल हैं। ये कुछ कारण हैं जिनके आधार पर दिल्ली आबकारी नीति में आरोपी कई व्यक्तियों को जमानत दी गई।
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