दिल्ली में पूर्ण राज्य के मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) बड़ा आंदोलन छेड़ने जा रही है। पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 1 मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं। केजरीवाल ने कहा है कि वह तब तक भूख हड़ताल से नहीं उठेंगे जब तक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता।
‘आप’ का आरोप है कि बीजेपी और कांग्रेस भी इससे पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा जनता से कर चुके हैं। लेकिन इन दोनों दलों ने कभी अपना वादा नहीं निभाया। ‘आप’ इससे पहले भी पूर्ण राज्य के दर्जे की माँग को लेकर आवाज़ बुलंद कर चुकी है।
केजरीवाल ने कहा है कि गृह मंत्री रहते हुए लाल कृष्ण आडवाणी ने अगस्त 2003 में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का बिल लोकसभा में रखा था और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने दिसंबर 2003 में इसका समर्थन किया था लेकिन फिर भी यह बिल पास नहीं हो सका। केजरीवाल ने पूछा है कि ऐसा करके क्या सिर्फ़ दिल्ली के लोगों की भावनाओं से खेलने की कोशिश नहीं की गई है? मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया है कि दिल्ली के लोगों के साथ नाइंसाफ़ी क्यों की जा रही है?
केजरीवाल ने पूर्ण राज्य के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर भी जोरदार हमला बोला है। केजरीवाल ने कहा है कि मोदी जी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में पूर्ण राज्य के दर्जे पर दिल्ली के लोगों से झूठ बोला। दिल्ली के लोग इसका बढ़िया जवाब देंगे।
‘आप’ ने अपने ट्विटर हैंडल पर तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित के एक पुराने इंटरव्यू का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में शीला दीक्षित दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की वक़ालत करती दिखती हैं।
‘आप’ के नेताओं की ओर से बीजेपी की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में गोयल दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने का समर्थन करते हैं।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना ने भी अपने कार्यकाल में दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर आवाज़ उठाई थी। उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने भी इसे लेकर ड्राफ़्ट तैयार किया था। 1999 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया था।
2013 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर यह माँग उठी और तब आम आदमी पार्टी के साथ ही बीजेपी ने भी इसे अपने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया था। तब मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी इसका समर्थन किया था। 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था।
केजरीवाल के धरने पर बैठने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि समझ नहीं आता कि केजरीवाल ऐसा क्यों कर रहे हैं। शीला ने कहा कि केवल संसद सत्र को बुलाकर ही संविधान में बदलाव किया जा सकता है और अभी चुनाव तक संसद का कोई सत्र नहीं होने वाला है।
अब सवाल यह है कि जब सभी दल इस मुद्दे को लेकर अपनी आवाज़ उठा चुके हैं तो अब तक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिल सका। अब केजरीवाल ने इसे लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की बात कही है तो फिर से यह मुद्दा गर्मा गया है।
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