कांग्रेस नेता संदीप
दीक्षित ने बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मांग की कि आप सरकार द्वारा 2015 में राजनीतिक प्रतिद्वंदियों की जासूसी के लिए गठित फीडबैक
यूनिट के आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की
अनुमति दें। संदीप दीक्षित की यह मांग ऐसे समय पर आई है जब विपक्षी एकता बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। मनीष की गिरफ्तारी पर कांग्रेस के कई नेताओं ने आप पर निशाना साधा था।
पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह
मंत्रालय ने सीबीआई को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जांच करने की
अनुमति दी थी। सीबीआई ने दावा किया है कि प्रतिद्वंद्वियों की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए कथित फीडबैक यूनिट का
नेतृत्व मनीष सिसोदिया ही कर रहे थे।
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2015 में जब आम आदमी
पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तब इसने 'फीडबैक यूनिट (FBU) की स्थापना की। इसका घोषित
उद्देश्य दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभागों, स्वायत्त निकायों, संस्थानों और संस्थाओं पर प्रासंगिक जानकारी और कार्रवाई करने
योग्य सूचनाएं जुटाना और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करना भी था। सीबीआई ने यह भी
कहा है कि दावा है के कि इसके गठन के लिए तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग से मंजूरी
नहीं ली गई थी।
सीबीआई के अनुसार,
एफबीयू ने अगले साल फरवरी से ₹1 करोड़ के अस्थायी बजट के साथ काम करना शुरू
किया। और आठ महीनों में 700 से ज्यादा मामलों की जांच की। इसमें
40 प्रतिशत कथित रूप से
जासूसी से संबंधित थे।
सीबीआई ने कहा कि एफबीयू
का 'छिपा हुआ उद्देश्य था, जो दिल्ली सरकार के हित में न होकर
आम आदमी पार्टी और मनीष सिसोदिया के निजी हित में था।
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"उपराज्यपाल वीके
सक्सेना ने सीबीआई जांच की अनुशंसा करते हुए नोट में लिखा था, ‘ऐसा लगता है कि
जासूसी के लिए एक समानांतर गुप्त एजेंसी के गठित करने का सुनियोजित प्रयास किया
गया था, जो किसी भी प्रकार से विधायी, न्यायिक या कार्यकारी संस्थाओं
की निगरानी में नहीं आता है।
मनीष सिसोदिया दिल्ली की
शराबनीति के मामले में सोमवार को ही जेल भेजे जा चुके हैं। सीबीआई द्वारा हिरासत
में लिए जाने के बाद से उन्होंने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर
की थी, जिसे कोर्ट ने खारीज कर दिया और दिल्ली हाईकोर्ट जाने की सलाह दी।
याचिका खारिज किए जाने के
बाद जेल में बंद मनीष सिसोदिया ने मंगलवार की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया, उनके
साथ ही दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थय मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी इस्तीफा दे
दिया है। मुख्मंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों ही नेताओं के इस्तीफे को मंजूरी दे
दी।
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