नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी शराब नीति को लागू करने में कथित अनियमितताओं के कारण सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये के नुकसान का पता चला है। यह रिपोर्ट अभी तक विधानसभा में नहीं रखी गई है। विधानसभा में रखने के बाद ही यह सार्वजनिक होती है। कहा जाता है कि उपराज्यपाल के पास भी इस रिपोर्ट की एक प्रति आती है।  इंडिया टुडे का दावा है कि इस लीक हुई CAG रिपोर्ट को उसने देखा और पढ़ा है। यह रिपोर्ट शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी करने में महत्वपूर्ण खामियों, नीतिगत उल्लंघनों को उजागर करती है।