नागरिकता क़ानून के विरोध में जामिया मिल्लिया इसलामिया के छात्रों के प्रदर्शन और हिंसा के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। दिन में बसों सहित कई वाहनों को आग लगा दी गई थी। बाद में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के ख़िलाफ़ कैंपस परिसर में कथित तौर पर पुलिस कार्रवाई से विवाद खड़ा हो गया। विश्वविद्यालय के चीफ़ प्रोक्टर वसीम अहमद ख़ान ने कहा है कि पुलिस एक तो विश्वविद्यालय प्रशासन की बिना अनुमति के ही घुसी, फिर छात्रों को पीटा गया और उन्हें कैंपस से बाहर निकाला गया। छात्रों के ख़िलाफ़ पुलिस कार्रवाई के विरोध में जामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने देर रात को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। बता दें कि विश्वविद्यालय में घुसने से पहले पुलिस को अनुमति ज़रूरी होती है। 
उधर, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चिन्मय बिसवाल ने कहा है कि हमने हिंसा के बाद स्थिति पर काबू पाने के लिए कार्रवाई की है। प्रदर्शन के तेज़ होने से मेट्रो सेवा प्रभावित हुई है और सोमवार को क्षेत्र के स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।