सियाचिन और लद्दाख जैसे बर्फीले ग्लेशियरों में खड़े रहकर दुश्मनों से देश की सुरक्षा करने वाले जवानों के पास न तो स्नो ग्लासेस हैं और न ही बूट और न ही उन्हें ज़रूरी भोजन मिलता है। इस कारण से भयंकर ठंड के चलते जवानों को बीमारियों का सामना करना पड़ता है। यह किसी राजनीतिक दल के नेता के द्वारा लगाए गए आरोप नहीं हैं बल्कि प्रतिष्ठित सरकारी संस्था नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। निश्चित रूप से यह बेहद दुखद स्थिति है।