लोकसभा सांसद दानिश अली को बहुजन समाज पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। बसपा ने उनके खिलाफ शनिवार यह कार्रवाई की है। इस कार्रवाई का कारण उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों को बताया है।
बसपा इसको लेकर जारी अपने एक बयान में कहा है कि दानिश अली को पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ बयान या कार्रवाई के खिलाफ कई बार चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद वे लगातार पार्टी के खिलाफ काम कर रहे थे।
बसपा सांसद दानिश अली तब चर्चा में आए थे जब कुछ समय पहले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी।
माना जाता है कि इस घटना के बाद दानिश अली कांग्रेस पार्टी के नेताओं के काफी करीब आ गए थे। उस घटना के बाद बसपा दानिश अली के साथ थी लेकिन दानिश अली लगातार कांग्रेस के साथ खड़े दिख रहे थे और कांग्रेस दानिश अली के साथ। यह बात बसपा को पसंद नहीं आ रही थी। तब से ही राजनैतिक विश्लेषकों का मानना था कि दानिश अली के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
बसपा ने एक प्रेस बयान जारी कर मीडिया को इसकी जानकारी दी है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र की ओर से दानिश अली को शनिवार 9 दिसंबर को लिखे एक पत्र की कॉपी भी मीडिया के सामने आई है।
इसमें उन्होंने दानिश अली को लिखा है कि आप पार्टी की नीतियों, विचारधारा एवं अनुशासन के विरूद्ध जाकर कोई भी बयानबाजी व कृत्य आदि न करें परन्तु इसके बाद भी आप लगातार पार्टी के विरूद्ध जाकर कृत्य / कार्य करते आ रहें हैं।
यहां आपको यह भी अवगत कराना उचित होगा कि सन् 2018 तक आप देवगौड़ा जी की जनता पार्टी के सदस्य के रूप में कार्य कर रहें थे। कर्नाटक में सन् 2018 के आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और जनता पार्टी के साथ गठबन्धन करके चुनाव लड़ा गया था तथा इस गठबन्धन में आप देवगौडा जी की पार्टी के तरफ से काफी सक्रिय रहें थे।
सतीश चंद्र मिश्र ने इस पत्र में लिखा है कि कर्नाटक के उक्त चुनाव के नतीजों के आने के बाद देवगौड़ा जी के अनुरोध पर आपको अमरोहा से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया गया और इस टिकट के दिए जाने के पूर्व देवगौड़ा जी ने यह आश्वासन दिया था कि आप बहुजन समाज पार्टी का टिकट मिलने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सभी नीतियों व निर्देशों का सदैव पालन करेंगे और पार्टी के हित में ही कार्य करेंगे।
उन्होंने लिखा है कि इस आश्वासन को आपने भी उनके समक्ष दोहराया था। इसी आश्वासन के बाद ही आपको बीएसपी की सदस्यता ग्रहण कराई गई थी और अमरोह से चुनाव लड़ा कर तथा जिताकर लोकसभा में भेजा गया था। परंतु आप अपने दिए गए आश्वासनों को भूल कर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। अतः अब पार्टी के हित में आपको बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
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किसी प्रकार का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दानिश अली ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि मैं बहन मायावती जी का हमेशा शुक्रगुज़ार रहूंगा की उन्होंने मुझे बहुजन समाज पार्टी का टिकट दे कर लोक सभा का सदस्य बनने में मदद की। बहन जी ने मुझे बसपा संसदीय दल का नेता भी बनाया। मुझे सदैव उनका असीम स्नेह और समर्थन मिला।दानिश अली ने एक्स पर लिखा है कि उनका आज का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन से बसपा को मज़बूत करने का प्रयास किया है और कभी भी किसी प्रकार का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है। इस बात की गवाह मेरे अमरोहा क्षेत्र की जनता है।
मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध ज़रूर किया है और करता रहूंगा। चंद पूँजीपतियों द्वारा जनता कि संपत्तियों की लूट के ख़िलाफ़ भी मैंने आवाज़ उठायी है और उठाता रहूंगा। क्योंकि यही सच्ची जन सेवा है।
यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने ये जुर्म किया है, और मैंं इसकी सज़ा भुगतने को तैयार हूं। मैं अमरोहा की जानता को आश्वस्त करना चाहता हूं की आप की सेवा में हमेशा हाज़िर रहूंगा।
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