मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाने के मुद्दे पर एमसीडी में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच हुई तकरार बढ़ती जा रही है। शनिवार को इस मुद्दे को लेकर जहां दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने सिविक सेंटर में जोरदार प्रदर्शन किया तो आम आदमी पार्टी के विधायकों और पार्षदों ने भी उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आवास के बाहर नारेबाजी की।
बताना होगा कि शुक्रवार को एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए मतदान होना था लेकिन निर्वाचित पार्षदों से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल के द्वारा मनोनीत किए गए पार्षदों को शपथ दिलाने को लेकर सदन अखाड़ा बन गया।
इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की हुई और दोनों दलों ने एक-दूसरे पर उनके पार्षदों की पिटाई करने का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि नियमों व परंपरा के मुताबिक, मनोनीत पार्षदों की शपथ बाद में होती है और निर्वाचित पार्षदों की शपथ पहले होती है। लेकिन बीजेपी मनोनीत पार्षदों की शपथ पहले इसलिए करवाना चाहती है क्योंकि वह उन्हें मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में वोटिंग का अधिकार दिलवाना चाहती है।
बताना होगा कि एमसीडी के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग करने का अधिकार नहीं होता है।
शनिवार को दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली में बीजेपी के कई सांसदों, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूड़ी सहित एमसीडी के पार्षदों व दिल्ली बीजेपी के पदाधिकारियों ने सिविक सेंटर के बाहर शांतिपूर्ण धरना दिया और कहा कि आम आदमी पार्टी ने संविधान का अपमान किया है और सिविक सेंटर में गुंडागर्दी की है।
दूसरी ओर उपराज्यपाल के आवास के बाहर जुटे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एलजी साहब शर्म करो, संविधान की हत्या बंद करो के नारे लगाए।
आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना ने कहा है कि उपराज्यपाल इस बात को लिखकर दें कि मनोनीत पार्षद मेयर के चुनाव में वोट नहीं देंगे।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि एमसीडी के तीनों नगर निगमों के एकीकरण का मामला हो, वार्डों का परिसीमन करना हो या गुजरात के विधानसभा चुनाव के साथ ही एमसीडी के चुनाव करवाना हो, इन सब पैंतरों के बावजूद दिल्ली की जनता ने बीजेपी को एमसीडी से निकाल कर बाहर फेंक दिया है। लेकिन अब वह किसी भी कीमत पर दिल्ली में अपना मेयर बनाना चाहती है।
अतिशी मार्लेना ने कहा है कि साल 2015 में मनोनीत पार्षद हाई कोर्ट गए थे कि उन्हें वोटिंग का अधिकार मिलना चाहिए। लेकिन हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि मनोनीत पार्षदों को वोट डालने का अधिकार नहीं है और दिल्ली नगर निगम का एक्ट भी यही कहता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी संविधान को ताक पर रखकर मनोनीत पार्षदों से वोटिंग करवाकर सदन में बहुमत लाना चाहती है।
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि एमसीडी में मुकेश गोयल सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं लेकिन उन्हें पीठासीन अधिकारी ना बनाकर बीजेपी की पार्षद को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया। दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल के नाम की सिफारिश की थी।
एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी और 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई थी।
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