दिल्ली के कंझावला में कार से घसीटी जाने वाली लड़की की ऑटोप्सी रिपोर्ट ने दुष्कर्म के ऐंगल को खारिज किया है। लड़की के शव की पड़ताल में 'गुप्त अंगों पर कोई चोट नहीं पाई गई है'। कहा गया है कि लड़की के शरीर पर जो भी चोट के निशान पाए गए वे कार से घसीटे जाने के कारण हैं। कई लोग इसलिए दुष्कर्म की आशंका जता रहे थे और जाँच की मांग कर रहे थे क्योंकि उसका शव नग्न अवस्था में मिला था। एक हादसे के बाद कई किलोमीटर तक उस कार ने उसको घसीटा था।
दरअसल, लड़की स्कूटी से घर लौट रही थी। कार में सवार कुछ लोगों ने टक्कर मार दी। लड़की कार के निचले हिस्से में फँस गई। कई किलोमीटर तक वह घसीटती गई। इससे उसकी मौत हो गई। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे तो लोगों ने कयास लगाए कि उसके साथ दुष्कर्म जैसी वारदात तो नहीं हुई है।
पीड़िता लड़की की माँ उन लोगों में शामिल थीं, जिन्हें शक था कि यह सिर्फ कार द्वारा उसके स्कूटर को टक्कर मारने और फिर उसे घसीटने का मामला नहीं हो सकता है।
पुलिस ने भी पहले उन कयासों को खारिज किया था कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया। पुलिस ने कहा था, 'सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट जोड़कर दावा किया गया कि यह एक बलात्कार का मामला था और पुलिस ऐसी सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।' पुलिस ने कहा था कि लड़की के शरीर पर कपड़े इसलिए नहीं बचे थे क्योंकि कई किलोमीटर तक घसीटे जाने से उसके कपड़े पूरी तरह से फट गए थे।
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के एक बोर्ड द्वारा लड़की के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार आगे के परीक्षणों के लिए उसके सैंपल और उसकी जींस के टुकड़े संरक्षित किए गए हैं।
कार में सवार पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल (27) के रूप में हुई है। एफ़आईआर ने पुष्टि की है कि कार में सवार लोगों को पता था कि उन्होंने स्कूटी पर एक महिला को टक्कर मारी थी। प्राथमिकी में यह भी उल्लेख किया गया है कि पाँच में से दो आरोपी, दीपक और अमित, घटना के समय नशे में थे। प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि कार दीपक चला रहा था, जो नशे की हालत में था।
बता दें कि इस मामले ने काफ़ी तूल पकड़ लिया है। एक दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कंझावला मामले में जाँच के आदेश दिए हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को तथ्यों की जाँच की रिपोर्ट देने को कहा है। स्पेशल सीपी शालिनी सिंह को टीम बनाकर जाँच करने को कहा गया है।
अमित शाह का यह बयान तब आया है जब आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा है और एलजी वीके सक्सेना को बर्खास्त करने की मांग की है। इसने आरोप लगाया है कि आरोपियों में एक बीजेपी नेता है। आम लोगों ने इस मामले में कार्रवाई को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन किया है। कार्रवाई का दबाव इसलिए भी है कि नये साल की पहली सुबह ही दिल्ली में इस लड़की को कार से कई किलोमीटर घसीटने की इस घटना ने झकझोर कर रख दिया है।
अपनी राय बतायें