पहलवानों के मुद्दे पर राजनीति बढ़ती जा रही है। शनिवार की सुबह कांग्रेस की
महासचिव प्रियंका गांधी पहलवानों को समर्थन देने पहुंचीं। इसके बाद शाम को दिल्ली
के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनको समर्थन देने पहुंचे।
धरना स्थल पर पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि ‘पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करने
वाली ये सभी महिला खिलाड़ी हमारी बेटियाँ हैं, इन्हें
इंसाफ़ मिलना ही चाहिए। आरोपी चाहे जितना भी शक्तिशाली हो, उसे
सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि जो लोग देश से प्यार से करते हैं,
उन्हें इनके समर्थन में आगे आना चाहिए, भले ही वो आप, कांग्रेस या फिर किसी भी
पार्टी से हों या फिर किसी भी राजनीतिक दल से न हों।
धरना स्थल पर पहुंचे केजरीवाल ने यहां बीजेपी पर हमला बोला
कहा कि ‘मोदी जी ने ग़रीबों के बच्चों को पढ़ाने वाले को जेल में डाल दिया और महिला खिलाड़ियों का
शोषण करने वाले को गले से लगा लिया’? केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की बीजेपी
सरकार आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को बचा रही है। उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कराई गई हैं,
उनमें से एक नाबालिग महिला पहलवान ने दर्ज कराई है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने जानकारी
दी की बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। तमाम आरोपो
प्रत्यारोपों के बाद पुलिस ने एफआईआर की कॉपी भी पहलवानों को उपलब्ध करा दी है।
ज्ञात हो कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन
शनिवार शाम तक पहलवानों को उसकी कॉपी नहीं दी गई थी।
शनिवार की सुबह
धरने पर पहुंची प्रियंका गांधी ने ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की एक कॉपी उपलब्ध
नहीं कराने के लिए दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा - मुझे पीएम मोदी
से कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि अगर उन्हें इन पहलवानों की चिंता थी तो उन्होंने
अभी तक इनसे बात क्यों नहीं की या उनसे मुलाकात क्यों नहीं की? सरकार बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह को बचाने की कोशिश
क्यों कर रही है।
इस मसले पर पहलवानें ने पूछा कि, 'जारी जांच का ब्योरा कौन लीक कर रहा है?' उन्होंने पुलिस पर उनके साथ दुर्व्यवहार
करने और प्रदर्शनकारियों के लिए बनाए गए गद्दे और अन्य प्रावधानों की अनुमति नहीं
देने का भी आरोप लगाया।
पुलिस कार्रवाई के आश्वासन के बावजूद पहलवानों ने कहा
कि वे डब्ल्यूएफआई प्रमुख की "तत्काल गिरफ्तारी" की मांग को लेकर अपना
धरना जारी रखेंगे। महिला पहलवान विनेश फोगाट समेत सभी महिला पहलवानों ने कहा कि हम
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन हमें
दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं है। यह लड़ाई एक एफआईआर के लिए नहीं है। यह लड़ाई उसके
जैसे लोगों को दंडित करने के लिए है। उसे जेल में रहने और पद से हटाने की जरूरत
है।
इससे पहले, पुलिस द्वारा
उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज करने के एक दिन बाद, भारत की कुश्ती संस्था के प्रभावशाली
प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि वह पद नहीं छोड़ेंगे। मैं पूरी तरह निर्दोष
हूं, और किसी भी जांच में सहयोग करूंगा। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों
की मांगें लगातार बदल रही हैं। इस्तीफा देने का मतलब होगा आरोपों को स्वीकार करना।
इस्तीफा कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन एक अपराधी
के रूप में नहीं, मैं अपराधी नहीं
हूं।
पहलवानों ने जब सुप्रीम
कोर्ट में याचिका दायर की तो दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ
(डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख के खिलाफ दो मामले दर्ज किए।
इस मसले पर कांग्रेस ने शनिवार को भारतीय पहलवान महासंघ (डब्ल्यूएफआई)
के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की और दिल्ली पुलिस तथा भारतीय
जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर उन्हें 'बचाने' की
कोशिश करने का आरोप लगाया।
इस मसले पर कांग्रेस प्रवक्ता
ने कहा, स्पष्ट है कि जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए
कार्रवाई करने की बात आती है तो दिल्ली पुलिस के पूर्वाग्रह होते हैं। लेकिन सत्ता पक्ष के लोगों
पर कार्रवाई की बात आती है तो वह तुरंत सक्रीय हो जाती है।
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