कर्नाटक का चुनाव लगातार दिलचस्प होता जा रहा है। राज्यों के चुनाव पहले इतने महत्वपूर्ण नहीं होते थे जितने अब हो गए हैं। इसकी असली वजह यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में अप्रत्यक्ष तौर पर राष्ट्रपति प्रणाली ला दी है। विधान सभा से लेेकर लोक सभा के चुनाव उनके नाम पर ही लडे़े जा रहे हैं। सच पूछा जाए तो मोदी की प्रणाली तो अमेरिका की राष्ट्रपति प्रणाली से भी अलग है। वहां तो राज्यों के गर्वनर की अपनी हैसियत भी होती है और उन्हें अपनी लोकप्रियता के आधार पर चुनाव लड़ना होता है। यहां तो मोदी राज्य के नेताओं को अपना चेहरा चमकाने का थोड़ा भी मौका नहीं देते हैं। जाहिर है कि अपने चेहरे को लेकर चुनाव मैदान में घूम रहे मोदी को विधान सभा से ज्यादा लोकसभा की चिंता है। इसलिए उन्होंने कर्नाटक के चुनाव को 2024 के सेमीफाइनल में तब्दील कर दिया है। यह चुनाव 2024 के इतना नजदीक है कि मोदी चाह कर भी इसे स्थानीय नहीं बनाए रख सकते हैं। यह स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जा रहा राष्ट्रीय स्तर का चुनाव हो गया है।